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शिक्षकों का आक्रोश सातवें आसमान पर: खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गरजे सैकड़ों शिक्षक

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आंदोलन ने तेजी पकड़ ली है। सीधी भर्ती, पदोन्नति, स्थानांतरण और वेतन विसंगतियों को लेकर सैकड़ों शिक्षक धरने पर बैठे। सरकारी नीतियों और अधिकारियों के रवैये पर खुलकर विरोध जताया गया।
Post Published By: Tanya Chand
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शिक्षकों का आक्रोश सातवें आसमान पर: खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गरजे सैकड़ों शिक्षक

Nainital: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर पिछले आठ दिनों से चल रहा आंदोलन अब तेज होता जा रहा है। सोमवार को सैकड़ों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने नैनीताल स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करते हुए जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने सरकार की शिक्षा नीति, पदोन्नति प्रक्रिया में विलंब, वेतन विसंगतियों और सीधी प्रधानाचार्य भर्ती के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कार्यक्रम की शुरुआत जनकवि हीरा सिंह राणा और गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के प्रेरणात्मक जनगीतों से की गई, जिसने आंदोलन को एक सांस्कृतिक रंग भी दिया। गीतों ने शिक्षकों में जोश और आत्मबल भरने का काम किया।

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किसने किया सभा को संबोधित और क्या कहा?

धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रांतीय नेता नवेंदु मठपाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक राज्य सरकार उनकी प्रमुख माँगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मठपाल ने कहा कि यदि सरकार प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती की प्रक्रिया पर तत्काल रोक नहीं लगाती, सभी स्तरों पर लंबित पदोन्नतियों की सूची जारी नहीं करती, पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू नहीं करती और वेतन विसंगतियों को नहीं सुधारती, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे।

वक्ताओं ने जताई नाराजगी, लेकिन क्यों?

सभा को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं ने मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल गोबिंद राम जायसवाल के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई। वक्ताओं का कहना था कि जायसवाल शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे और निरंतर टालमटोल की नीति अपना रहे हैं। उन्होंने जायसवाल के तत्काल स्थानांतरण की भी माँग की।

आंदोलन की प्रमुख मांगे

1. प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक।
2. सभी स्तरों की पदोन्नति सूची तत्काल निर्गत हो।
3. स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित कार्यवाही।
4. सभी प्रकार की वेतन विसंगतियों का समाधान।
5. क्लस्टर स्कूल योजना की वापसी।
6. मुख्य शिक्षा अधिकारी का तत्काल स्थानांतरण।

शिक्षकों ने दिए स्पष्ट संकेत

धरने में शामिल शिक्षकों ने स्पष्ट संकेत दिए कि यदि जल्द ही सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती, तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों से भी शिक्षक प्रतिनिधि इस आंदोलन में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

संघ ने बनाई ये रूप रेखा

शिक्षक संघ ने आने वाले सप्ताह में प्रदेशभर में मशाल जुलूस, काली पट्टी बांधकर कार्य बहिष्कार, जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों की रूप रेखा भी बना ली है। इससे पहले आंदोलन के दौरान जिला शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे गए थे, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

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सरकार की चुप्पी पर सवाल

शिक्षक नेताओं ने प्रदेश सरकार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब प्रदेशभर के शिक्षक आंदोलित हैं, तो शिक्षा विभाग और सरकार को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। लेकिन अब तक कोई वार्ता का प्रस्ताव नहीं आया है, जिससे शिक्षकों में आक्रोश और बढ़ रहा है।

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