उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। हर रोज आदमखोर जानवरों के हमले की खबर सामने आ रही है। शनिवार को नैनीताल जनपद के रामनगर में गुलदार के हमले की एक दुखद घटना सामने आयी है। हादसे के बाद समूचे क्षेत्र में गुलदार की दहशत फैल गई है।

रामनगर में गुलदार ने युवक पर किया जानलेवा हमला
Nainital: रामनगर से शनिवार को गुलदार के हमले की एक बड़ी खबर सामने आ रही है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत पतरामपुर रेंज में एक बार फिर गुलदार ने युवक पर शुक्रवार देर शाम हमला कर दिया। इस हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल युवक को तत्काल उपचार के लिए जसपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद घर भेज दिया।
जानकारी के अनुसार रामनगर तराई पश्चिमी के अंतर्गत पड़ने वाले पतरामपुर निवासी पंकज कुमार खेत से काम करके बाइक से अपने घर लौट रहा था, तभी बूढ़ा फार्म के पास अचानक झाड़ियों से निकलकर गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। गुलदार ने युवक के पैर को अपने जबड़ों में जकड़ लिया। अचानक हुए इस हमले से युवक घबरा गया, लेकिन हिम्मत दिखाते हुए उसने शोर मचाया और बाइक की रफ्तार तेज कर दी, जिससे गुलदार उसे छोड़कर मौके से जंगल की ओर भाग गया।
घटना के बाद घायल युवक ने तुरंत खेत मालिक को इसकी सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग को जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और घायल युवक को तुरंत इलाज के लिए जसपुर अस्पताल पहुंचाया गया।
घायल युवक का कहना है कि जब गुलदार ने हमला किया, तो उसे कुछ समझ ही नहीं आया। उसने बताया कि अगर वह शोर न मचाता और बाइक तेज न करता तो उसकी जान जा सकती थी। गुलदार के इस हमले के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
चिंता की बात यह है कि पिछले 6 महीनों में गुलदार अब तक दर्जन भर से अधिक लोगों पर हमला कर चुका है, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। लोग खेतों में जाने से कतराने लगे हैं और कई इलाकों में शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है। वन विभाग के डीएफओ ने कहा कि क्षेत्र में गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। कैमरा ट्रैप लगाए जा रहे हैं और गश्त बढ़ा दी गई है।
वन विभाग नेस्थानीय लोगों से अपील की है कि अकेले खेतों में न जाएं। रात के समय बाहर निकलने से बचें और गुलदार के बारे में किसी भी प्रकार की गतिविधि की तुरंत सूचना वन विभाग को दें।