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Uttarakhand News: भटवाड़ी सुनार में केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण संघर्ष, 34वें दिन भी अनशन जारी

रुद्रप्रयाग के भटवाड़ी सुनार में केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण संघर्ष समिति 34वें दिन भी धरने और क्रमिक अनशन पर है। 25 साल पहले स्वीकृत विद्यालय का निर्माण अब तक नहीं हुआ, जबकि स्थानीय लोगों ने 70 नाली जमीन भी आवंटित की।
Post Published By: Subhash Raturi
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Uttarakhand News: भटवाड़ी सुनार में केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण संघर्ष, 34वें दिन भी अनशन जारी

Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खंड के भटवाड़ी सुनार ग्राम पंचायत में केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण को लेकर स्थानीय लोग 34वें दिन भी धरने और क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं। संघर्ष समिति का आरोप है कि जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अब तक नहीं बना स्कूल

25 वर्ष पहले केंद्रीय और मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूरी के आदेशों के तहत स्थानीय लोगों की मांग पर केंद्रीय विद्यालय के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसके बावजूद आज तक विद्यालय का भवन नहीं बन पाया है। वर्तमान में विद्यालय अगस्त्यमुनी के चिकित्सालय के भवन में संचालित हो रहा है, जो कि सुविधाओं की दृष्टि से पूरी तरह अपर्याप्त है।

क्या कहते हैं संघर्ष समिति के सदस्य

संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय भवन के लिए दो बार निविदा (टेंडर) डाली गई, लेकिन दोनों बार निविदाएं रिजेक्ट हो गईं। इसके बाद से अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने भवन निर्माण के लिए 70 नाली जमीन स्यालसौड में आवंटित की थी, लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक लापरवाही के कारण कार्य अब तक ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

धरना प्रदर्शन (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)

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धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि वे मजबूरन इस कदम पर आए हैं। “25 साल बीत जाने के बावजूद जब सरकार इस परियोजना को प्रारम्भ नहीं कर पाई, तो हमें अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है,” संघर्ष समिति के एक सदस्य ने बताया।

सरकारी प्रतिनिधियों की नदारदी पर नाराजगी

स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि धरने के दौरान अब तक किसी भी सरकारी प्रतिनिधि ने उनका हाल-चाल लेने या समस्या को सुनने का प्रयास नहीं किया। क्षेत्रीय विधायक केवल एक बार संक्षिप्त रूप से धरनास्थल पर आए, लेकिन उनसे कोई ठोस बातचीत नहीं हुई। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से उपेक्षा ही उनकी मजबूरी को बढ़ा रही है।

ग्राम प्रधान का बयान

अखलेश भट्ट, प्रधान ग्राम पंचायत ने कहा, “स्थानीय लोगों की पूरी कोशिशों और सहयोग के बावजूद केंद्रीय विद्यालय भवन का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो पाया। हमने 70 नाली जमीन भी आवंटित की है।

प्रदर्शन पोस्टर (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)

यह बहुत बड़ा प्रशासनिक और सामाजिक मुद्दा बन गया है। धरना प्रदर्शन हमारी मजबूरी है और हम इसे तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती।”

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स्थानीय शिक्षा व्यवस्था पर असर

स्थानीय लोग बता रहे हैं कि विद्यालय भवन का निर्माण न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वर्तमान में चिकित्सालय भवन में चल रहे स्कूल में पर्याप्त कक्षाएं और सुविधाएं नहीं हैं। इससे बच्चों के शैक्षिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

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