नैनीताल पर मंडराने लगा जोशीमठ जैसा खतरा; निर्माण और बढ़ती आबादी से हिल रहा पहाड़

नैनीताल में लगातार बढ़ती आबादी और इमारतों का दबाव शहर के लिए गंभीर खतरा बन गया है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि बिना योजना के निर्माण और सीवर सिस्टम की खराबी से पहाड़ी ढलानें अस्थिर हो रही हैं। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो शहर का संतुलन बिगड़ सकता है।

Post Published By: Subhash Raturi
Updated : 13 November 2025, 2:02 PM IST

Nainital: नैनीताल में लगातार बढ़ती आबादी और इमारतों का दबाव अब गंभीर खतरा बन चुका है। कभी शांत और सुंदर झीलों के लिए जाना जाने वाला यह शहर अब कंक्रीट के बोझ से कराह रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात यूं ही बने रहे तो नैनीताल भी जोशीमठ जैसे संकट में फंस सकता है।

पिछले 20 सालों में नैनीताल का फैलाव कई गुना बढ़ गया है। पुराने वक्त में जहां पहाड़ी घरों का वजन मुश्किल से 2 टन तक होता था वहीं अब आधुनिक आरसीसी बिल्डिंग 10 से 20 टन तक का दबाव डाल रही हैं। इससे पहाड़ की जड़ें कमजोर हो रही हैं। बरसात या हल्के भूकंप के दौरान मिट्टी ढीली पड़ जाती है और भूधंसाव जैसी घटनाएं सामने आती हैं।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भूगर्भ विशेषज्ञ डॉ ए के बियानी का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि घरों और होटलों का गंदा पानी सीधे पहाड़ की जड़ों में जा रहा है जिससे ढलानें अस्थिर हो रही हैं। इसे रोकने के लिए सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। सीवर लाइन और जल निकासी तंत्र को दुरुस्त करना जरूरी है ताकि पानी नीचे तक न पहुंचे।

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विशेषज्ञों के अनुसार नैनीताल में बिना योजना के हो रहा निर्माण अब पर्यावरणीय संकट बन गया है। शहर की जमीन अब अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा भार झेल रही है। अगर जल्द सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में नैनीताल का संतुलन पूरी तरह बिगड़ सकता है और शहर की खूबसूरती इतिहास बनकर रह जाएगी।

अब कैसे है हालात?

जोशीमठ में भूधंसाव के असल कारणों की पड़ताल और समाधान सुझाने के लिए सरकार ने जो जिम्मेदारी विभिन्न विज्ञानी संस्थानों को सौंपी थी, उनकी रिपोर्ट अब सार्वजनिक कर दी गई है। जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआइ) की जांच रिपोर्ट पर गौर करें तो विज्ञानियों ने भूधंसाव की स्थिति के इतिहास और वर्तमान दोनों ही परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन किया है। हालिया अध्ययन में संस्थान के विज्ञानियों ने पाया कि कुल 81 दरारों में से 42 दरारें नई हैं, जोकि दो जनवरी 2023 से पूर्व की हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि दरारों की स्थिति अब स्थिर है।

Location : 
  • Nainital

Published : 
  • 13 November 2025, 2:02 PM IST