

नैनीताल के बीडी पांडे जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी वंदना सिंह ने साफ कहा कि मरीजों को बेवजह रैफर करने की मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने चिकित्सकों से बातचीत में कहा कि इलाज में असली चुनौती सिर्फ दस प्रतिशत होती है बाकी नब्बे प्रतिशत डॉक्टर के आत्मविश्वास और सोच पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि यहां जितनी भी मशीनें खराब हैं या नई जरूरत है उनकी सूची तुरंत तैयार की जाए ताकि उनका रखरखाव या उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी वंदना सिंह
Nainital: नैनीताल के बीडी पांडे जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी वंदना सिंह ने साफ कहा कि मरीजों को बेवजह रैफर करने की मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने चिकित्सकों से बातचीत में कहा कि इलाज में असली चुनौती सिर्फ दस प्रतिशत होती है बाकी नब्बे प्रतिशत डॉक्टर के आत्मविश्वास और सोच पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि यहां जितनी भी मशीनें खराब हैं या नई जरूरत है उनकी सूची तुरंत तैयार की जाए ताकि उनका रखरखाव या उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा। महिला और पुरुष अस्पताल में ओपीडी से लेकर आईसीयू तक का जायजा लिया। सीटी स्कैन एक्स रे अल्ट्रासाउंड ऑर्थो वार्ड जिरियाट्रिक वार्ड चिल्ड्रन वार्ड बर्न वार्ड जनरल वार्ड एनबीएसयू और लेबर रूम का निरीक्षण कर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने पानी टपकने की शिकायत पर छत की चादर बदलने के निर्देश दिए और अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल स्टाफ ने बताया कि ओटी टेक्नीशियन की कमी है और एक्स रे मशीन का स्कैनर भी खराब है। जिस पर डीएम ने प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने आपातकाल में ड्यूटी पर आने वाले डॉक्टरों का पूरा ब्यौरा भी लिया और दवा पट्टी कक्ष का भी निरीक्षण किया।
महिला अस्पताल में चिकित्सकों ने बताया कि यहां ज्यादातर प्रसव सामान्य होते हैं जबकि गंभीर मामलों में मरीजों को रैफर करना पड़ता है। पीएमएस ने बताया कि प्री मैच्योर केस और वेंटिलेटर की कमी की वजह से दिक्कत आती है। डीएम ने पूछा कि निको और पीको यूनिट बनने के बाद क्या ऑपरेशन यहीं हो पाएंगे जिस पर स्टाफ ने जगह और स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए कहा कि पुरुष अस्पताल का टेक्नीशियन इसे संचालित कर सकता है।
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पुरुष चिकित्सालय के पीएमएस टम्टा ने कहा कि अस्पताल को पेडियाट्रिशियन ऑर्थो सर्जन और ईएमओ समेत कुछ और पदों की जरूरत है। डीएम ने डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि आप हल्द्वानी के चिकित्सकों से किसी भी तरह कम नहीं हैं फर्क सिर्फ इतना है कि आप मरीज को रैफर कर देते हैं और वहां इलाज हो जाता है जबकि आपके पास भी वही पढ़ाई और वही काबिलियत है। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि इलाज के दौरान बातचीत का तरीका बेहतर बनाइए कई समस्याएं खुद ही खत्म हो जाएंगी। इस मौके पर एसडीएम नवाज़िश खलिक भी मौजूद रहे।
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