नैनीताल के चंदा देवी मंदिर मार्ग पर जनवरी 2020 में नाजिम अली खान की हत्या मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाया। प्रेम संबंध, आर्थिक विवाद और साजिश में अमरीन जहां व राधेश्याम शुक्ला दोषी ठहरे। सजा सोमवार को तय होगी। जांच साक्ष्यों पर रही।

नैनीताल हत्याकांड में अदालत का अहम फैसला (Img- Internet)
Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के चर्चित नाजिम अली खान हत्याकांड में अदालत ने बड़ा और अहम फैसला सुनाया। जनवरी 2020 में चंदा देवी मंदिर मार्ग के पास हुई इस सनसनीखेज हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत ने अमरीन जहां और राधेश्याम शुक्ला को दोषी करार दिया है।
दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाया गया, जबकि राधेश्याम शुक्ला को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी ठहराया गया है। अदालत अब सोमवार को सजा का ऐलान करेगी।
अभियोजन के अनुसार, हल्द्वानी निवासी अमरीन जहां ने 19 जनवरी 2020 को नाजिम अली खान को भीमताल घूमने के बहाने अपने साथ ले गई थी। काठगोदाम-भीमताल रोड पर हेयरपिन बैंड के पास पहले से घात लगाए बैठे राधेश्याम शुक्ला ने 315 बोर के तमंचे से नाजिम पर गोली चला दी। गोली लगने से नाजिम की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी और पुलिस ने त्वरित जांच शुरू की।
जांच में सामने आया कि अमरीन जहां और नाजिम अली खान के बीच पहले से प्रेम संबंध थे। बाद में नाजिम की किसी अन्य महिला से शादी हो गई, जिसके बाद उसने अमरीन को खर्चा-पानी देना बंद कर दिया। इस बात से अमरीन नाराज चल रही थी। अभियोजन का कहना है कि इसी नाराजगी और आर्थिक विवाद के चलते अमरीन ने राधेश्याम शुक्ला के साथ मिलकर नाजिम की हत्या की साजिश रची। दोनों के बीच लगातार संपर्क और घटना से पहले की गतिविधियों ने साजिश की पुष्टि की।
नाजिम अली की हत्या में पत्नी और प्रेमी दोषी (Img- Internet)
हत्या के बाद अमरीन ने मृतक नाजिम के मोबाइल फोन से उसके भाई वाजिद अली को कॉल कर यह झूठी सूचना दी कि नाजिम का एक्सीडेंट हो गया है। हालांकि कुछ ही देर में सच्चाई सामने आ गई और उसी शाम थाना भीमताल में हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू से जांच शुरू की।
अदालत में अभियोजन पक्ष ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और फॉरेंसिक रिपोर्ट जैसे तकनीकी साक्ष्य पेश किए। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि घटना के समय अमरीन और राधेश्याम दोनों घटनास्थल पर मौजूद थे। घटनास्थल से बरामद तमंचे का खोखा और खून के नमूनों का मिलान मृतक से हुआ, जिससे अभियोजन की कहानी को मजबूती मिली। इन साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने साजिश और हत्या दोनों आरोपों को सिद्ध माना।
बचाव पक्ष की ओर से अदालत में कई दलीलें दी गईं, लेकिन कोई भी ठोस और विश्वसनीय सफाई पेश नहीं की जा सकी। गवाहों के बयान, तकनीकी साक्ष्य और घटनाक्रम की कड़ियों ने बचाव पक्ष की दलीलों को कमजोर कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष ने संदेह से परे आरोप साबित किए हैं।
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अदालत ने दोष सिद्ध होने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा है। अब सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत सजा की मात्रा पर फैसला सुनाएगी। इस फैसले पर नाजिम अली खान के परिजनों की निगाहें टिकी हैं, जिन्होंने लंबे समय से न्याय की मांग की थी। यह मामला क्षेत्र में प्रेम संबंधों, आर्थिक विवाद और आपराधिक साजिश के गंभीर परिणामों की एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आया है।