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उत्तराखंड आपदा के बीच सीएम धामी को महिला ने साड़ी फाड़कर बांधी राखी, फिर बोली ऐसी बात, आपके भी आ जाएंगे आंसू

धराली की भीषण आपदा के बीच जब रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था, तब एक महिला ने मुख्यमंत्री धामी को राखी बांधकर भावुक क्षण रच दिया। साड़ी का टुकड़ा भाईचारे और विश्वास का प्रतीक बन गया। यह दृश्य मानवीय संवेदनाओं की मिसाल बन गया।
Post Published By: Mayank Tawer
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उत्तराखंड आपदा के बीच सीएम धामी को महिला ने साड़ी फाड़कर बांधी राखी, फिर बोली ऐसी बात, आपके भी आ जाएंगे आंसू

Uttarakhand News: उत्तरकाशी के धराली गांव में आई तबाही के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को मौके पर पहुंचे। इस दौरान एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर दी। अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थी। लेकिन 5 अगस्त को धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।

लगातार तीसरे दिन ग्राउंड जीरो पर सीएम पुष्कर सिंह धामी

शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री लगातार तीसरे दिन ग्राउंड जीरो पर डटे रहकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे। तभी धनगौरी भावुक होकर आगे बढ़ीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उनमें डर नहीं बल्कि अपार कृतज्ञता और विश्वास था। उन्होंने अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर उसका एक टुकड़ा मुख्यमंत्री की कलाई पर राखी के रूप में बांध दिया।

“मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं”

राखी बांधते हुए उन्होंने कहा, “मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने मेरी और यहां की सभी महिलाओं की रक्षा की है। उन्होंने हमें अपनेपन का एहसास कराया है।” यह केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, स्नेह और सुरक्षा की भावना समाहित थी।

मुख्यमंत्री धामी ने क्या जवाब दिया?

मुख्यमंत्री धामी ने भी भावुक होकर उनका हाथ थामते हुए कहा, “एक भाई के रूप में मैं हर परिस्थिति में आपदा प्रभावित बहनों के साथ खड़ा रहूंगा। राज्य सरकार हर संभव मदद देगी।” इस दृश्य ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं।

चारों ओर तबाही

भारी बारिश के चलते अचानक मलबा और तेज बहाव का प्रकोप ऐसा टूटा कि पूरा मार्ग अवरुद्ध हो गया। धनगौरी और उनका परिवार चारों ओर तबाही, डर और अनिश्चितता से घिरे हुए थे। घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी प्रकार की मदद की कोई संभावना नहीं दिख रही थी। तभी मुख्यमंत्री धामी ने तुरंत मोर्चा संभाला और राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए।

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