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रायबरेली के इस गांव में महिलाओं को मिली नई राह, संस्था ने उठाया बड़ा कदम

प्रियदर्शिनी लेडीज़ क्लब, एनटीपीसी ऊंचाहार का महिला सशक्तिकरण संस्थान, शिक्षा, कोचिंग और वयस्क साक्षरता से ग्रामीण जीवन को नया आयाम दे रहा है। इसके संचालित लिटल‑नेस्ट स्कूल, कोचिंग केंद्र और वयस्क शिक्षा कक्षाएं गाँव में बदलाव की मिशाल बनकर उभरी हैं।
Post Published By: Poonam Rajput
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रायबरेली के इस गांव में महिलाओं को मिली नई राह, संस्था ने उठाया बड़ा कदम

Raebareli: एनटीपीसी ऊंचाहार परिसर की महिला सदस्यों द्वारा संचालित प्रियदर्शिनी लेडीज़ क्लब ने आसपास के गावों में शिक्षा, कौशल और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक नई राह खोली है। यह संस्था न सिर्फ एनटीपीसी परिवार की महिलाएं और बच्चे, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में भी प्रभावशाली परिवर्तन की ओर काम करती है।

 लिटल‑नेस्ट स्कूल: शिक्षा से निखरता भविष्य

प्रियदर्शिनी क्लब चला रही है लिटल‑नेस्ट स्कूल, जिसमें नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं चलती हैं। करीब 170 बच्चों को 7 अध्यापकों द्वारा पढ़ाने के साथ-साथ आर्ट, क्राफ्ट, शिक्षक पुस्तकालय, शैक्षिक खेल और शारीरिक गतिविधियों से समग्र विकास की शिक्षा दी जाती है। ग्रामीण अभिभावक इस स्कूल को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और संवेदनशील शिक्षा प्रदान करता है। स्कूल में वार्षिक उत्सव, पिकनिक, पेरेंट‑टीचर मीटिंग, राष्ट्रीय पर्व हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं।

ज्ञान भारती कोचिंग: निशुल्क शिक्षा का संबल

क्लब का वेलफेयर विंग संचालित करता है ज्ञान भारती कोचिंग केंद्र, जहां कक्षा 1 से 10 तक के लगभग 30 जरूरतमंद बच्चों को नियमित मुफ्त कोचिंग दी जाती है। अध्यापक सप्ताह में पाँच दिन सभी विषय पढ़ाते हैं, जिससे शैक्षिक आधार मजबूत होता है।

कंप्यूटर प्रशिक्षण: डिजिटल सशक्तिकरण

25‑30 निशुल्क कंप्यूटर कोचिंग में करीब 20 बच्चों को दक्ष प्रशिक्षक पढ़ाते हैं। यह कोर्स सप्ताह में तीन दिन, एक वर्ष की अवधि का होता है। इससे युवा भविष्य‑डिजिटल क्षेत्रों में बेहतर तैयार होते हैं। निरक्षर संविदाकर्मी और आसपास के ग्रामीणों के लिए संचालित प्रौढ़ शिक्षा कक्षाएँ शाम को एक घंटे की अवधि में संचालित होती हैं। वर्तमान में 30 लाभार्थी इस कक्षाओं से साक्षर हो रहे हैं। पढ़ने‑लिखने की मूल क्षमता से जीवन आसान हो जाता है।

शिक्षा से आत्मनिर्भरता

प्रियदर्शिनी क्लब शिक्षकों की वेतन व्यवस्था, कोचिंग व स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर सुनिश्चित करती है। एनटीपीसी द्वारा आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रमों में ये बच्चे भाग लेते हैं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मिलते हैं, जिससे उन्हें आत्मविश्वास मिलता है।इस तरह की सामाजिक पहल से ग्रामीण जीवन में स्थायी बदलाव आ रहा है—बाल शिक्षा उन्नत हो रही है, नवयुवकों को डिजिटल सशक्तिकरण मिल रहा है, और वयस्क शिक्षा सशक्त कर रही है। प्रायः संसाधनों की सीमाओं के बावजूद प्रियदर्शिनी लेडीज़ क्लब ने सामाजिक कल्याण और विश्वास ने एक अखंड मंच तैयार कर दिया है।

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