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Farrukhabad पुल पर मंडरा रहा है ये कैसा खतरा, यात्रियों के लिए बड़ी आफत

फर्रुखाबाद जिले में गंगा और रामगंगा नदी पर बने लोहिया सेतु और रामगंगा पुल अब बेहद जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं। पांच दशक पुराने लोहिया सेतु की उम्र पूरी हो चुकी है, जबकि रामगंगा पुल भी मरम्मत के सहारे चल रहा है। लगातार मरम्मत कार्यों के चलते यातायात बाधित हो रहा है और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जान का खतरा बढ़ने के कारण अब इन पुलों के पुनर्निर्माण की मांग तेज हो गई है।
Post Published By: Poonam Rajput
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Farrukhabad पुल पर मंडरा रहा है ये कैसा खतरा, यात्रियों के लिए बड़ी आफत

Farrukhabad: फर्रुखाबाद जिले में गंगा और रामगंगा नदी पर बने पुराने पुल अब पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। पांच दशक पुराने लोहिया सेतु की तय उम्र पूरी हो चुकी है और रामगंगा पुल भी काफी खराब स्थिति में है। वर्षों से चल रही मरम्मत और अस्थायी सुधार कार्यों के चलते न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि यात्रियों को जान का खतरा भी बना हुआ है।

पुल को दोबारा बनाने की मांग

हाल ही में गंगा नदी पर बने लोहिया सेतु की मरम्मत का कार्य दोबारा शुरू किया गया है। इस मरम्मत के कारण बड़े वाहनों के लिए रूट डायवर्जन लागू कर दिया गया है, जिससे शहर और आसपास के इलाकों में भारी जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। रोजाना हजारों यात्रियों और वाहन चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

भाजपा नेता ने गहरी चिंता जताई

इस स्थिति को लेकर भाजपा नेता विकास राजपूत ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि – “देश के कई हिस्सों में जैसे बड़ोदरा में जर्जर पुल गिरने से भीषण हादसे और जनहानि हो चुकी है। फर्रुखाबाद के गंगा व रामगंगा पुल भी उसी हालत में पहुंच चुके हैं। ऐसे में केवल मरम्मत से काम नहीं चलेगा, अब पुलों के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।”

विकास राजपूत ने यह भी कहा कि जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो बजट लाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। यदि जनप्रतिनिधि और प्रशासन ठान लें, तो पुनर्निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकता है।

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उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वह जनता की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए गंगा और रामगंगा दोनों पुलों का पुनर्निर्माण शीघ्र शुरू करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अभी गंभीरता नहीं दिखाती है, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी ज़िम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी। गौरतलब है कि पुलों की लगातार मरम्मत में समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा। ऐसे में अब यह मांग उठने लगी है कि सरकार समय गंवाए बिना नई पुल निर्माण योजना पर अमल करे, ताकि जनता को राहत मिल सके और किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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