क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का पूरा मामला? जानिए विवाद की जड़, हिन्दू पक्ष की मांग और हाईकोर्ट का ताजा फैसला

मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। इसमें से करीब 11 एकड़ भूमि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि माना जाता है। बाकी भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है। हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी भूमि श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है, और वहां पर औरंगजेब के काल में मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 4 July 2025, 5:01 PM IST
google-preferred

Lucknow: मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। इसमें से करीब 11 एकड़ भूमि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि माना जाता है। बाकी भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है। हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी भूमि श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है, और वहां पर औरंगजेब के काल में मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया। मुस्लिम पक्ष इन दावों को सिरे से खारिज करता रहा है और शाही ईदगाह को वैध धार्मिक स्थल मानता है।

हिंदू पक्ष की मांग क्या है?

शाही ईदगाह को ‘विवादित ढांचा’ घोषित किया जाए। यह मस्जिद मूल श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़कर 1670 में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर बनाई गई थी, इसलिए इसे अवैध माना जाए। जैसे अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित कर निर्णय दिया गया, उसी तरह यहां भी कोर्ट हस्तक्षेप करे। विवादित जमीन को मंदिर के अधिकार में लाया जाए और शाही ईदगाह को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो।

हाईकोर्ट ने क्या कहा? 

4 जुलाई 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस केस में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें शाही ईदगाह को 'विवादित ढांचा' घोषित करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि वर्तमान साक्ष्यों और याचिका के आधार पर मस्जिद को अभी विवादित नहीं माना जा सकता। यह फैसला न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने सुनाया। अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त 2025 तय की गई है।

कब और कैसे शुरू हुआ यह मामला?

इस विवाद की जड़ें 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल से जुड़ी हुई बताई जाती हैं। 1670 में औरंगजेब द्वारा श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर मस्जिद निर्माण का दावा इतिहास में कई बार उठ चुका है, लेकिन इसका कोई निर्णायक कानूनी प्रमाण आज तक सामने नहीं आया है। 2020 से यह मामला अदालतों में सक्रिय हुआ, जब विभिन्न हिंदू संगठनों ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर कानूनी दावे पेश किए। 5 मार्च 2025 को हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दी, जिसमें ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की गई थी। 23 मई 2025 को सुनवाई पूरी हुई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया, जो 4 जुलाई को सुनाया गया।

क्या है वर्तमान स्थिति?

शाही ईदगाह फिलहाल कानूनी रूप से वैध धार्मिक स्थल मानी जा रही है। हिंदू पक्ष को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली, लेकिन केस अभी जारी है और अगली सुनवाई का इंतजार है। इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए एक कानूनी झटका जरूर माना जा रहा है, लेकिन संघर्ष अब भी जारी है।

जनता की नजरें अब 2 अगस्त की सुनवाई पर

अब सबकी निगाहें 2 अगस्त 2025 की अगली सुनवाई पर टिकी हैं। सवाल यह है कि क्या भविष्य में कोई नया साक्ष्य या तर्क इस केस की दिशा बदल पाएगा? या यह विवाद भी लंबी कानूनी लड़ाई में उलझ जाएगा?

सुल्तानपुर में NHAI विभाग की बड़ी लापरवाही! अयोध्या-प्रयागराज नेशनल हाईवे का फ्लाईओवर जर्जर, हादसे का डर

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 4 July 2025, 5:01 PM IST

Related News

No related posts found.