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खजनी में ये क्या हो रहा? नशे में धुत कथित नेता का तांडव, विधायक के पहुंचने पर हुआ शांत

खजनी में देर रात नशे में चूर एक कथित नेता ने राहगीरों और पुलिस के सामने जमकर हंगामा मचाया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें पूरी खबर
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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खजनी में ये क्या हो रहा? नशे में धुत कथित नेता का तांडव, विधायक के पहुंचने पर हुआ शांत

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के खजनी थाना क्षेत्र में रविवार की देर रात एक ऐसी घटना घटी, जिसने सबको हक्का-बक्का कर दिया। जिसने सत्ता के नशे और कानून की धज्जियों को उड़ाने की हकीकत को बेपर्दा कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, महुआडाबर चौकी के बरर्डाड चौराहे पर नशे में चूर एक कथित नेता ने ऐसा तमाशा मचाया कि राहगीरों से लेकर पुलिस तक सबके पसीने छूट गए। यह ड्रामा उस वक्त शुरू हुआ, जब काली स्कॉर्पियो सवार गोल्डन साहनी ने सड़क के बीचों-बीच गाड़ी खड़ी कर फोन पर चिल्लाना शुरू किया।

जानें क्या है पूरा माजरा?

दरअसल, ये माजरा तब गर्माया, जब पीछे से आए एक बाइक सवार ने हॉर्न क्या बजाया, इतने में साहनी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसने बाइक सवार को गालियां दीं और हंगामा खड़ा कर दिया। गश्त पर निकली महुआडाबर चौकी की पुलिस ने जब उसे सड़क खाली करने को कहा, तो साहनी ने खुद को विधायक सरवन निषाद का “खास आदमी” बताकर पुलिस को ही धमकाना शुरू कर दिया।

बुलानी पड़ी अतिरिक्त फोर्स

नशे में चूर साहनी ने ये तक कहा कि “बाहुबली विधायक का आदमी हूं मैं,” इतना कहकर उसने पुलिस की एक नहीं सुनी। वहीं हंगामा बढ़ता देख भीड़ जमा हो गई। चौकी इंचार्ज ने थाने से अतिरिक्त फोर्स बुलवाया गया। वहीं खजनी थाना प्रभारी अर्चना सिंह ने मौके पर पहुंचकर हालात संभालने की कोशिश की, मगर साहनी की दादागीरी कम होने का नाम नहीं ले रही थी।

इसके बाद, आखिरकार, विधायक सरवन निषाद को खुद मौके पर आना पड़ा। उनके हस्तक्षेप के बाद ही साहनी का तांडव थमा।

घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश

इस दौरान, स्थानीय लोग गुस्से में उबल रहे थे। एक दुकानदार ने तल्ख लहजे में कहा, “सत्ता का नशा कुछ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। आम आदमी सड़क पर सुरक्षित नहीं और ये नेता पुलिस से ही भिड़ रहे हैं।” भीड़ ने घटना की कड़ी निंदा की और प्रशासन से सवाल पूछा कि क्या कानून सिर्फ आम जनता के लिए है? पुलिस ने जाम हटाकर भीड़ को शांत किया, मगर यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान छोड़ गई।

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