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फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों में वायरल बीमारियों का कहर, ग्रामीण परेशान, प्रशासन से मदद की मांग

फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों में बाढ़ के पानी के बाद गंदगी और बदबू से वायरल बीमारियां फैल रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से स्वास्थ्य कैंप और साफ-सफाई की मांग की है। जल्द कार्रवाई न होने पर महामारी का खतरा बढ़ सकता है।
Post Published By: सौम्या सिंह
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फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों में वायरल बीमारियों का कहर, ग्रामीण परेशान, प्रशासन से मदद की मांग

Fatehpur: फतेहपुर के ललौली थाना क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। जमुना नदी के प्रकोप से प्रभावित गांवों जैसे पलटूपुर, अढ़ावल, उरौली, कोंडर रेय, कोर्रा कनक आदि में बाढ़ का पानी में ज्वर उतर चुका है, लेकिन इसके बाद वहां गंदगी और बदबूदार वातावरण ने ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। इस स्थिति के कारण गांवों में वायरल और अन्य बीमारियों का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

बीमारी का बढ़ता संकट, ग्रामीण परेशान

बाढ़ के कारण हजारों बीघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर हो गई है। इसके अलावा, नदी के कटाव से सैकड़ों बीघा जमीन जमुना नदी में समा गई, जिससे खेत-खलिहान बर्बाद हो गए। पानी उतरने के बाद गांवों में कई जगह गंदगी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे वातावरण में बदबू फैल रही है। इस बदबू और गंदगी के कारण सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल फीवर जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं।

ग्रामिणों ने की साफ-सफाई की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हवा भी सांस लेने लायक नहीं रह गई है। कई लोग बीमार हो चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य टीम गांव में नहीं पहुंची है। इस वजह से ग्रामीण मजबूरी में निजी स्तर पर इलाज करवा रहे हैं, लेकिन वे संतोषजनक इलाज न मिलने से चिंतित हैं। उनका मानना है कि अगर प्रशासन ने तुरंत स्वास्थ्य सेवाओं को नहीं पहुंचाया, तो यह मामूली बीमारी बड़ी महामारी में बदल सकती है।

गांवों में भय और चिंता का माहौल

स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द चिकित्सकीय कैंप लगाएं और गांवों की साफ-सफाई करवाएं ताकि बीमारी को रोकने में मदद मिल सके। बाढ़ के बाद की इस स्थिति ने गांवों में भय और चिंता का माहौल बना दिया है। यदि जल्द ही राहत कार्य और चिकित्सा सहायता नहीं मिली, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

गांवों में बाढ़ के पानी के बाद गंदगी

स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस मामले पर चिंता जता रहे हैं और सलाह दे रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग को तुरंत कदम उठाना चाहिए। साथ ही, साफ-सफाई के साथ-साथ लोगों को स्वच्छ पेयजल और बेहतर सैनिटेशन की सुविधा भी मुहैया कराई जाए, ताकि बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के सहयोग के बिना वे इन हालात से निपटना मुश्किल समझते हैं। इसलिए वे शासन-प्रशासन से तत्काल मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

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