

उत्तर प्रदेश में 13 अगस्त को मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खासकर पूर्वी और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश और वज्रपात की संभावना है।
मौसम अपडेट (Img: Google)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। 13 अगस्त को राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में 48 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान बिजली चमकने, गरज के साथ बारिश और कहीं-कहीं वज्रपात की आशंका जताई गई है।
इन जिलों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली और पीलीभीत सहित कई पूर्वी और तराई क्षेत्रीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं कानपुर, लखनऊ, उन्नाव, अयोध्या, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर और बिजनौर जैसे जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
बिजली गिरने की चेतावनी
बिजली गिरने की घटनाएं खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में जानलेवा साबित होती हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे इस दौरान खेतों में काम करने से बचें, खुले में न रहें और बिजली चमकने पर सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
निम्न दबाव का क्षेत्र बना कारण
पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र और मानसून द्रोणिका की स्थिति के कारण उत्तर प्रदेश में बारिश की तीव्रता बढ़ी है। भूगर्भीय और सिनॉप्टिक (synoptic) परिस्थितियां भी बारिश के अनुकूल बनी हुई हैं, जिससे अगले तीन दिनों तक प्रदेश में व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
14 अगस्त तक स्थिति गंभीर
13 और 14 अगस्त को दोनों ही दिन प्रदेश के कई जिलों में वर्षा की गतिविधियां चरम पर रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इन दो दिनों के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा की तीव्रता अधिक रहेगी। इसके बाद मौसम कुछ शांत होने की उम्मीद जताई गई है।
कृषि पर होगा असर
लगातार हो रही बारिश से धान और अन्य खरीफ फसलों को लाभ हो सकता है, लेकिन अत्यधिक वर्षा से जलभराव की स्थिति बन सकती है। किसानों को खेतों की निगरानी करते रहने और जल निकासी की व्यवस्था बनाए रखने की सलाह दी गई है।
अलर्ट पर प्रशासन
राज्य सरकार और जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगमों को सतर्क किया गया है।