

रायबरेली से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक अस्पताल से उगाही के प्रयास का मामला उजागर हुआ है। यहाँ निजी अस्पताल ने बच्चे के इलाज का पैसा मांगा तो परिजनों ने उगाही की व्यूह रचना तैयार कर ली। मामला बछरावाँ सीएचसी का है। पढिये यह खबर
अस्पताल से उगाही के प्रयास का मामला
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक अस्पताल से उगाही के प्रयास का मामला उजागर हुआ है। यहाँ निजी अस्पताल ने बच्चे के इलाज का पैसा मांगा तो परिजनों ने उगाही की व्यूह रचना तैयार कर ली। मामला बछरावाँ सीएचसी का है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यहाँ शनिवार को एक वीडियो बनाया गया। इस वीडियो में वहां के मेडिकल आफिसर डॉक्टर भावेश यादव कहते सुने जा सकते हैं कि बच्चे की पांच छह घंटे पहले मौत हुई है। जबकि एक महिला को दूसरे वीडियो में सुना जा सकता है कि वह रायबरेली के छजलापुर स्थित संगम हॉस्पिटल पर आरोप लगा रही है कि बिल अदा न किये जाने पर बच्चे को रोक कर रखा गया था। बच्चे को देर से डिस्चार्ज किया गया और लगभग 45 मिनट बाद बछरावां सीएचसी पहुंचने तक में उसकी मौत हो गई। इसी वीडियो के आधार पर दो बड़े अखबारों ने बिना संगम अस्पताल का पक्ष लिए एक तरफा खबर लिख डाली।
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मौत के समय को जानने के लिए पोस्टमार्टम
जानकारी के अनुसार बच्चे को बिल का भुगतान न होने तक रोका गया और इस बीच उसकी मौत के बाद ही इसे डिस्चार्ज किया गया। वहीं इस मामले में संगम अस्पताल ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की समझ पर आश्चर्य जताते हुए बताया कि मौत के समय को जानने के लिए पोस्टमार्टम किया जाता है जो नहीं हुआ और चिकित्सक ने उसे पांच छह घंटे पहले का मृत बता दिया। दरअसल अमेठी ज़िले में गोरियाबाद की नफीसा बानो शुक्रवार को अपने बच्चे को संगम अस्पताल में भर्ती कराया था। दूसरी तरफ अखबारों की एक पक्षीय खबर का खण्डन करते हुए संगम अस्पताल प्रबंधक पुनीत श्रीवास्तव ने कहा कि यहाँ से बछरावां सीएचसी की यात्रा 45 से एक घंटे में पूरी की जा सकती है।
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एक पक्षीय झूठी खबर चलाने वालों को कानूनी नोटिस
डिस्चार्ज के समय बच्चा जीवित है तो पांच छह घंटे पहले मृत उसे कैसे बताया गया। अस्पताल से बच्चे के डिस्चार्ज करते समय बनाये गए वीडियो को उपलब्ध कराते हुए संगम अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि लगभग 3 माह पहले कुछ अखबार संचालकों ने हफ्ता वसूली की पेशकश की थी। संगम अस्पताल ने तब इंकार कर दिया था। तब ही अखबार वालों ने कहा था कि समय आने पर देख लेंगे। संगम अस्पताल ने एक पक्षीय झूठी खबर चलाने वालों को कानूनी नोटिस भी देने की बात कही है।