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रायबरेली में स्कूल मर्ज के खिलाफ स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी ने निकाली बाइक रैली

सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों को बंद किए जाने के फैसले के खिलाफ अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के आह्वान पर रायबरेली में जोरदार बाइक रैली एवं जनआंदोलन निकाला गया। पढिये पूरी रिपोर्ट
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रायबरेली में स्कूल मर्ज के खिलाफ स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी ने निकाली बाइक रैली

रायबरेली: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों को बंद किए जाने के फैसले के खिलाफ अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के आह्वान पर रायबरेली में जोरदार बाइक रैली एवं जनआंदोलन निकाला गया।

मांग पूरी नहीं की गई तो आंदोलन

जानकारी के अनुसार यह बाइक रैली शहर के सम्राट अशोक चौक से प्रारंभ होकर सिविल लाइन, डिग्री कॉलेज चौराहा, अंबेडकर चौराहा होते हुए किला बाजार से हरदासपुर प्राथमिक विद्यालय तक निकाली गई। रैली में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए और सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अपनी जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने से लाखों बच्चों की शिक्षा पर संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने सरकार से तत्काल इस निर्णय को वापस लेने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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विद्यालयों में मर्ज करने के फैसले के खिलाफ…

वहीं जन अधिकार पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद करने और उन्हें आसपास के विद्यालयों में मर्ज करने के फैसले के खिलाफ ज़िला मुख्यालय पर ज़ोरदार प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।पार्टी ने चेतावनी दी है कि इस नीति से गरीब और मज़दूर वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। जिला अध्यक्ष विनय कुमार मौर्य ने बताया कि प्रदेश में लगभग 27,200 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें से बड़ी संख्या को बंद कर आसपास के विद्यालयों में मिला दिया गया है। इसका सीधा असर उन बच्चों पर पड़ रहा है जिन्हें अब शिक्षा के लिए 2 से 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। इससे नामांकन दर में गिरावट और शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है।

मज़दूर वर्ग के बच्चों का भविष्य अंधकारमय

ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार चाहे तो विद्यालयों को बंद करने की बजाय योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। लेकिन वर्तमान नीति से शिक्षा का स्तर और गिरने का खतरा है, जिससे ग्रामीण और मज़दूर वर्ग के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।

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