महराजगंज जिला जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत, जेल प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद स्थित जिला कारागार में न्यायिक हिरासत में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है। मृतक की पहचान हरिवंश पुत्र बुद्धिराम, निवासी सेमरहवा, तहसील नौतनवां, जिला महराजगंज के रूप में हुई है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 16 December 2025, 6:51 PM IST

Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद स्थित जिला कारागार में न्यायिक हिरासत में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है। मृतक की पहचान हरिवंश पुत्र बुद्धिराम (उम्र लगभग 42 वर्ष), निवासी सेमरहवा, तहसील नौतनवां, जिला महराजगंज के रूप में हुई है। वह पिछले करीब छह महीनों से दुष्कर्म के आरोप में जिला जेल में बंद था।

अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मौत

जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह हरिवंश की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी की हालत गंभीर होते ही उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कैदी की मौत की खबर मिलते ही जेल परिसर और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

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परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप

मृतक के परिजनों का आरोप है कि हरिवंश को जेल में रहते हुए समय पर उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई। उनका कहना है कि उसकी तबीयत पहले से खराब थी, लेकिन जेल प्रशासन ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि कैदी की तबीयत बिगड़ने की सूचना उन्हें देर से दी गई, जिससे संदेह और गहरा गया है।

जेल प्रशासन ने दी सफाई

वहीं, जेल प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कैदी की तबीयत अचानक बिगड़ी थी और नियमानुसार उसे तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया। प्रशासन का कहना है कि इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई और आगे की कार्रवाई नियमों के तहत की जा रही है।

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मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप

इस घटना को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे मानवाधिकार हनन करार देते हुए कहा कि न्यायिक हिरासत में किसी भी व्यक्ति की मौत एक गंभीर मामला है। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है, चाहे वह आरोपी ही क्यों न हो।

जांच की मांग तेज

घटना के बाद प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह सवाल उठ रहे हैं कि जेल में चिकित्सा व्यवस्था कितनी प्रभावी है और क्या समय रहते उचित इलाज मिलता तो कैदी की जान बचाई जा सकती थी।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुटे हुए हैं। मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा। इस घटना ने एक बार फिर जेलों में बंद कैदियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और मानवाधिकारों को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है।

Location : 
  • Maharajganj

Published : 
  • 16 December 2025, 6:51 PM IST