Sonbhadra News: हाईवे पर कोहरा बना जानलेवा, ग्रामीण ठंड से बेहाल

वाराणसी–शक्तिनगर स्टेट हाईवे पर पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। बुधवार सुबह स्थिति इतनी गंभीर रही कि वाहन चालकों को कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। दृश्यता लगभग शून्य होने से दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ गई है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 24 December 2025, 5:51 PM IST

Sonbhadra: वाराणसी–शक्तिनगर स्टेट हाईवे पर पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। बुधवार सुबह स्थिति इतनी गंभीर रही कि वाहन चालकों को कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। दृश्यता लगभग शून्य होने से दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ गई है। बावजूद इसके, सड़क की देखरेख कर रही कंपनी यूपीएसए (UPSA) की ओर से सुरक्षा के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

धूमिल सफेद पट्टियां बनीं बड़ी समस्या

स्टेट हाईवे और अन्य प्रमुख मार्गों पर बनी सफेद लेन मार्किंग पट्टियां कई स्थानों पर पूरी तरह मिट चुकी हैं। ये पट्टियां वाहन चालकों को लेन अनुशासन, सड़क की दिशा और चौड़ाई का संकेत देती हैं। इनके धूमिल होने से खासकर कोहरे के समय वाहन चालक भ्रमित हो रहे हैं। इससे आमने-सामने की टक्कर, सड़क से फिसलने और गड्ढों में गिरने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

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मोड़ और डिवाइडर-रहित हिस्सों पर बढ़ा जोखिम

राजमार्ग के मोड़, ढलान और डिवाइडर-रहित हिस्सों पर जहां अधिक सतर्कता की जरूरत होती है, वहां भी सुरक्षा संकेत गायब हैं। तकनीकी मानकों के अनुसार रिफ्लेक्टिव पट्टियां अनिवार्य होती हैं ताकि रात में हेडलाइट की रोशनी में चमक सकें, लेकिन खराब गुणवत्ता के कारण ये पट्टियां जल्दी ही मिट गई हैं। इससे रात के समय भी दृश्यता की समस्या बनी रहती है।

तेज रफ्तार और नियमों की अनदेखी

घने कोहरे के बावजूद कई वाहन चालक गति कम नहीं कर रहे हैं। खासकर खनिज लदे वाहनों के चालकों पर समय पर पहुंचने का दबाव रहता है, जिससे वे तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं। प्रशासन द्वारा गति मानक तय होने के बावजूद यातायात नियमों के पालन में सख्ती नहीं दिखाई दे रही है।

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ग्रामीण इलाकों में अलाव नदारद, ठंड से बेहाल लोग

दूसरी ओर, ओबरा तहसील के बिल्ली मारकुंडी और खैरटिया गांवों में कड़ाके की ठंड के बावजूद अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ठिठुरने को मजबूर हैं। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर ने बताया कि सूर्य दिखाई नहीं दे रहा है और गलन बढ़ गई है, लेकिन ग्राम पंचायत की ओर से कोई इंतजाम नहीं है।

बीमारी और आजीविका पर असर

ठंड के कारण मजदूर बीमार पड़ रहे हैं, जिससे कामकाज और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में छुट्टी जरूर कर दी है, लेकिन अलाव और रैन बसेरे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।

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प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग

बसपा के विधानसभा संयोजक सूर्य बलि गौतम सहित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान से जल्द अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि लोग ठंड से सुरक्षित रह सकें और हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 24 December 2025, 5:51 PM IST