Raebareli Weather: रायबरेली में कड़ाके की ठंड का कहर, प्रशासन ने रैन बसेरों को लेकर की ये खास तैयारी

उत्तर भारत में पड़ रही हाड़कपाऊ ठंड का असर रायबरेली जनपद में भी साफ तौर पर देखा जा रहा है। शीतलहर के चलते आम जनजीवन प्रभावित है, वहीं खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए यह मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 December 2025, 1:35 PM IST

Raebareli: उत्तर भारत में पड़ रही हाड़कपाऊ ठंड का असर रायबरेली जनपद में भी साफ तौर पर देखा जा रहा है। शीतलहर के चलते आम जनजीवन प्रभावित है, वहीं खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए यह मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है।

शहर में 2 स्थाई और 4 अस्थाई रैन बसेरे

जिला प्रशासन और नगर पालिका की ओर से रायबरेली शहर में कुल 6 रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 2 स्थाई और 4 अस्थाई रैन बसेरे शामिल हैं। इन रैन बसेरों में ठहरने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए रजाई, बिस्तर और साफ-सुथरी व्यवस्था की गई है। साथ ही पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्थान सुनिश्चित किए गए हैं। प्रत्येक रैन बसेरे में 10-10 फोल्डिंग बेड महिलाओं और पुरुषों के लिए रखे गए हैं, ताकि ठंड में किसी को असुविधा न हो।

रेलवे स्टेशन स्थित रैन बसेरे का जायजा

डाईनामाइट न्यूज़ की टीम ने रैन बसेरों की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रेलवे स्टेशन स्थित निशुल्क रैन बसेरे का निरीक्षण किया। यहां नगर पालिका द्वारा की गई व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। रैन बसेरे में साफ-सफाई, रजाई-बिस्तर और सुरक्षा का ध्यान रखा गया है, जिससे जरूरतमंद लोग रात सुरक्षित तरीके से गुजार सकें।

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जानकारी के अभाव में खुले में सोने को मजबूर लोग

हालांकि रैन बसेरे के पास ही मंदिर के नजदीक कुछ लोग कंबल और प्लास्टिक की बोरी ओढ़कर खुले आसमान के नीचे लेटे नजर आए। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें खुले में रहना ही ठीक लगता है और वे हमेशा ऐसे ही रहते आए हैं। वहीं एक बुजुर्ग दंपति ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे रैन बसेरे में भी रह सकते हैं। जानकारी मिलने पर उन्होंने रैन बसेरे में रुकने की बात कही।

रैन बसेरे में रुकने के नियम

रैन बसेरे के केयरटेकर ने बताया कि यहां रुकने के लिए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को केवल पहचान पत्र और मोबाइल नंबर देना होता है। यदि किसी के पास पहचान पत्र नहीं है, तब भी उसे रहने से नहीं रोका जाता। उनका कहना था कि रेलवे स्टेशन क्षेत्र में कुछ लोग स्थायी रूप से रहते हैं, जिनमें नशा करने वाले और भीख मांगने वाले लोग भी शामिल होते हैं। ऐसे लोगों से रैन बसेरे का माहौल खराब न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।

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डीएम ने किया निरीक्षण, व्यवस्था पर जताया संतोष

आपको बता दें कि जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कुछ दिन पहले स्वयं रैन बसेरे का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया था। जिला प्रशासन का कहना है कि जरूरतमंदों को ठंड से बचाने के लिए रैन बसेरों में सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 22 December 2025, 1:35 PM IST