Aligarh: सोमवार को अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब भागलपुर से दिल्ली आनंद विहार जा रही विक्रमशिला एक्सप्रेस में बम और आतंकवादी होने की सूचना मिली। इस फर्जी सूचना ने प्रशासन, रेलवे पुलिस और यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी। आनन-फानन में ट्रेन को अलीगढ़ स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर रोक दिया गया, जबकि इस ट्रेन का अलीगढ़ में कोई निर्धारित स्टॉप नहीं है। सूचना मिलते ही आरपीएफ, जीआरपी, सिविल पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की टीमें भारी सुरक्षा बल के साथ स्टेशन पर पहुंचीं और पूरे ट्रेन की गहन तलाशी ली। करीब 42 मिनट तक तलाशी अभियान चलने के बाद जब सब कुछ सामान्य पाया गया, तो ट्रेन को दिल्ली आनंद विहार के लिए रवाना कर दिया गया।
फर्जी सूचना से मचा हड़कंप, 42 मिनट तक रुकी रही ट्रेन
घटना की शुरुआत सोमवार सुबह हुई जब रेलवे कंट्रोल मुख्यालय को सूचना मिली कि विक्रमशिला एक्सप्रेस में बम रखा गया है और ट्रेन में एक संदिग्ध आतंकवादी भी सवार है। मुख्यालय से सूचना तत्काल अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर भेजी गई, जिसके बाद स्टेशन प्रशासन ने बिना देरी किए ट्रेन को रोक लिया। यात्रियों में अचानक मची अफरातफरी के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने प्लेटफॉर्म खाली कराया और जांच शुरू की।
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बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड ने ट्रेन के सभी डिब्बों की तलाशी ली, लेकिन कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने इसे फर्जी सूचना करार दिया। हालांकि, उस समय तक यात्रियों में भय और तनाव का माहौल बना रहा।
फर्जी कॉल करने वाला निकला इटावा निवासी युवक
घटना के बाद रेलवे पुलिस ने इस कॉल की जांच शुरू की। कॉल ट्रेस करने पर पता चला कि यह सूचना इटावा जिले से की गई थी। जीआरपी पुलिस ने साइबर टीम की मदद से आरोपी का पता लगाया और उसे इटावा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने मज़ाक में यह कॉल की थी, ताकि देख सके कि पुलिस कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देती है।
पुलिस ने आरोपी को अलीगढ़ लाकर गहन पूछताछ की और मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस प्रशासन ने जताई गंभीरता
अलीगढ़ जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि यह मज़ाक नहीं बल्कि गंभीर अपराध है। ऐसी झूठी सूचना से न केवल यात्रियों की जान जोखिम में पड़ती है, बल्कि सरकारी संसाधनों का भारी दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (भय फैलाने), 182 (झूठी सूचना देना) और रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन में लगभग 1,200 यात्री सवार थे, जिन्हें इस फर्जी सूचना के कारण भारी परेशानी झेलनी पड़ी। स्टेशन पर सभी प्लेटफॉर्म कुछ समय के लिए बंद कर दिए गए थे और ट्रेनों के संचालन पर भी असर पड़ा।
रेल प्रशासन ने दी चेतावनी- फर्जी सूचना पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और समन्वय की परीक्षा ले ली। जैसे ही सूचना मिली, आरपीएफ कमांडेंट, जीआरपी, सिविल पुलिस, एंटी-टेरर स्क्वॉड, बम निरोधक टीम और डॉग स्क्वॉड एक साथ मौके पर पहुंचे। ट्रेन के हर कोच, लगेज रैक, टॉयलेट और इंजन की भी जांच की गई।
यात्रियों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की सूचना तुरंत रेलवे हेल्पलाइन नंबर 182 पर दें, लेकिन झूठी सूचना देने से बचें।

