मैनपुरी में निमोनिया का कहर, दो मासूमों ने हारी जिंदगी की जंग; पढ़ें पूरी खबर

मैनपुरी में सर्दियों में बुखार और निमोनिया के कारण दो मासूमों की मौत हुई। जिले के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। विशेषज्ञ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा और समय पर इलाज लेने की सलाह दे रहे हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 12 December 2025, 12:06 PM IST

Mainpuri: मैनपुरी में सर्दी के मौसम के चलते बुखार और निमोनिया के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। जिले के अस्पतालों में आने वाले मरीजों में अधिकांश लोग श्वसन संबंधी समस्याओं, बुखार और निमोनिया से पीड़ित पाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, इस हफ्ते 900 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचे, जिनमें अधिकांश मरीज निमोनिया और बुखार से ग्रसित थे।

मासूम रुद्रांश की मौत

गांव जलालपुर निवासी अभिषेक कुमार के छह महीने के बेटे रुद्रांश पांच दिनों से निमोनिया की चपेट में था। परिजनों ने पहले निजी डॉक्टर के यहां उसका इलाज कराया, लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। देर रात अचानक मासूम की हालत बिगड़ी और परिजन उसे जिला अस्पताल लाए। डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद रुद्रांश को मृत घोषित कर दिया।

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चार वर्षीय शिव की भी हुई मौत

नगर के पुरोहितना निवासी पंकज के चार वर्षीय पुत्र शिव पिछले तीन दिनों से बुखार से पीड़ित था। परिजन उसे भी निजी डॉक्टर के पास ले गए थे, लेकिन राहत नहीं मिली। देर शाम अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और परिजन उसे जिला अस्पताल भर्ती कराने पहुंचे। डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद शिव को भी मृत घोषित कर दिया।

वयस्क मरीजों की भी गंभीर स्थिति

जिला अस्पताल में केवल बच्चों ही नहीं, बल्कि वयस्क मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है। 75 वर्षीय जगदीश सिंह को सांस लेने में गंभीर कठिनाई थी और 58 वर्षीय आशा देवी का रक्तचाप अत्यधिक कम होने के कारण दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में अचानक गिरावट और ठंड के कारण बुजुर्ग और बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं तेजी से बढ़ रही हैं।

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अस्पतालों में बुखार और निमोनिया का दबाव

जिला अस्पताल मैनपुरी में आने वाले मरीजों में लगभग 35% से 40% लोग बुखार और निमोनिया से पीड़ित पाए जाते हैं। आम तौर पर मरीज निमोनिया, खांसी, सर्दी, बुखार और दस्त जैसी बीमारियों से ग्रसित होते हैं। कई मामलों में गंभीर मरीजों को इलाज के लिए सैफई पीजीआई भेज दिया जाता है।

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  • Mainpuri

Published : 
  • 12 December 2025, 12:06 PM IST