

सहारनपुर-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन में मामूली विवाद ने हत्या का रूप में लिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
दीपक के परिवार में मचा कोहराम
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में चलती ट्रेन में हुई निर्मम पिटाई की वारदात ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहारनपुर-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन में सीट को लेकर हुए विवाद ने 39 वर्षीय दीपक यादव की जान ले ली। फखरपुर और खेकड़ा स्टेशन के बीच करीब 10 किलोमीटर तक चलती ट्रेन में दीपक को लगातार पीटा गया, जिसके बाद खेकड़ा स्टेशन पर हमलावर उतरकर फरार हो गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, दीपक यादव दिल्ली की एक इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री में काम करता था। दीपक यादव हर शुक्रवार की तरह अपने घर लौट रहा था। शुक्रवार देर रात वह दिल्ली से सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन में सवार होकर बागपत की ओर आ रहा था। फखरपुर स्टेशन के पास सीट को लेकर कुछ स्थानीय युवकों से उसकी कहासुनी हो गई, जो जल्द ही हिंसक रूप ले बैठी।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 15 से 20 युवकों ने दीपक पर लात-घूंसे और बेल्ट से हमला किया। ट्रेन में मौजूद कुछ यात्रियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उन्हें धक्का देकर दूर कर दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। जिसमें अफरा-तफरी और मारपीट का खौफनाक दृश्य देखा जा सकता है।
ट्रेन धीमी हुई तो भाग निकले हमलावर
जब ट्रेन खेकड़ा स्टेशन पर पहुंचने वाली थी और उसकी रफ्तार धीमी हुई। तब हमलावर युवक ट्रेन से कूदकर फरार हो गए। ट्रेन में मौजूद दीपक के एक साथी ने परिवार और जीआरपी को फोन कर घटना की जानकारी दी। परिजन तत्काल मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल दीपक को CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दीपक था परिवार का इकलौता सहारा
दीपक बागपत के खेकड़ा कस्बे के मोहल्ला अहिरान निवासी था। वह करीब 15 वर्षों से दिल्ली के भगीरथ पैलेस में एक झूमर शोरूम में काम करता था। उसके परिवार में पत्नी सावित्री, 12 साल की बेटी आयुषी और ढाई साल का बेटा अविरल हैं। वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था।
दीपक का कोई विवाद नहीं था, लेकिन...
दीपक के पड़ोसी राजवीर सिंह ने बताया कि वह हर सप्ताह शुक्रवार को घर आता था और सोमवार को वापस नौकरी के लिए दिल्ली लौट जाता था। उन्होंने कहा कि दीपक का किसी से कोई निजी विवाद नहीं था, लेकिन कुछ दिन पहले उसके साथियों का एक झगड़ा हुआ था। जिसमें दीपक शामिल नहीं था। आशंका जताई जा रही है कि उसी विवाद के चलते दीपक को निशाना बनाया गया।
मामा ने कहा- यह सोची समझी साजिश है
दीपक के मामा सुभाष यादव ने बताया कि फखरपुर रेलवे स्टेशन के पास वासी गांव के निवासी राहुल बाबा और उसके साथियों ने दीपक पर धारदार हथियारों से हमला किया। उन्होंने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया और कहा कि दीपक की जानबूझकर हत्या की गई है।
जीआरपी ने 4 युवकों को हिरासत में लिया
जीआरपी इंस्पेक्टर उधम सिंह तलान ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। परिजनों की तहरीर के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।