

मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. विपिन ताडा ने भ्रष्टाचार और जनता से दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इसमें चार दरोगा, ट्रैफिक पुलिस के 10 कर्मी और परतापुर थाने के 11 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
मेरठ के SSP डॉ. विपिन ताडा
Meerut News: स्वतंत्रता दिवस से पहले मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. विपिन ताडा ने भ्रष्टाचार और जनता से दुर्व्यवहार के आरोपों के मद्देनजर कड़ी कार्रवाई करते हुए 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इनमें चार दरोगा, ट्रैफिक पुलिस के 10 कर्मी और परतापुर थाने के 11 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
यह कार्रवाई पुलिस विभाग में जारी भ्रष्टाचार और कर्मचारियों की अव्यवस्थित कार्यशैली को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। SSP डॉ. ताडा ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और जनता के साथ दुर्व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और किसी भी दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ कार्रवाई
SSP ने ट्रैफिक पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप लगाया था। ट्रैफिक पुलिस के कर्मी SSP के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बाहरी नंबर की गाड़ियों को रोककर उनसे अवैध वसूली कर रहे थे। SSP डॉ. विपिन ताडा ने पहले ही आदेश दिया था कि बिना विशेष इनपुट या वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के किसी बाहरी वाहन को रोका न जाए। फिर भी ट्रैफिक पुलिस ने इस आदेश की अनदेखी की। इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने चेकिंग के दौरान जनप्रतिनिधियों से भी अभद्रता की जो पुलिस की कार्यप्रणाली और छवि के लिए नकारात्मक साबित हुआ।
परतापुर थाना पुलिस पर कार्रवाई
परतापुर थाना के पुलिसकर्मियों पर भी भ्रष्टाचार और जनता से दुर्व्यवहार के आरोप थे। इन आरोपों पर गोपनीय जांच की गई और एएसपी की रिपोर्ट में इन आरोपों को सही पाया गया। इसके बाद SSP ने थाने के छह हेड कॉन्स्टेबल और पांच कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया। इन घटनाओं ने मेरठ पुलिस के कुछ हिस्सों में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थित कार्यशैली की गंभीर स्थिति को उजागर किया, जिसके बाद SSP ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया।
SSP का सख्त आदेश
SSP डॉ. विपिन ताडा ने इस कार्रवाई के बाद स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वसूली, भ्रष्टाचार और अभद्रता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “पुलिस का कार्य जनता की सेवा करना है न कि उसे परेशान करना। जो भी कर्मचारी इस सिद्धांत के खिलाफ काम करेगा, उसके खिलाफ सख्त और तत्काल कार्रवाई की जाएगी।”