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बाराबंकी कलेक्ट्रेट परिसर से बर्खास्त हुआ तो मुंशी बना फर्जी नोटरी, कमिश्नर के मुकदमे से हुआ बड़ा खुलासा

बाराबंकी कलेक्ट्रेट परिसर में एक बर्खास्त मुंशी द्वारा फर्जी नोटरी और शपथ पत्र जारी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी ने नोटरी आयुक्त की नकली मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर कई जाली दस्तावेज तैयार किए। कई बार चेतावनी मिलने के बावजूद आरोपी अपनी करतूतों से बाज नहीं आया, जिसके बाद कमिश्नर ने कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
Post Published By: Mayank Tawer
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बाराबंकी कलेक्ट्रेट परिसर से बर्खास्त हुआ तो मुंशी बना फर्जी नोटरी, कमिश्नर के मुकदमे से हुआ बड़ा खुलासा

Barabanki: जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में फर्जी नोटरी और शपथ पत्र जारी करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बर्खास्त मुंशी ने नोटरी आयुक्त की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर बनाकर लंबे समय तक सरकारी दस्तावेजों में धांधली की। मामला सामने आने पर नोटरी कमिश्नर डी.के. सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

अवनीश कुमार उर्फ अंजू को किया था कार्य से मुक्त

भारत सरकार के अधिकृत नोटरी कमिश्नर डी.के. सिंह ने पुलिस को बताया कि लगभग चार वर्ष पूर्व उन्होंने अवनीश कुमार उर्फ अंजू निवासी मुशीगंज को अपने कार्यालय में मुंशी के रूप में नियुक्त किया था। लेकिन कार्य में लापरवाही, टिकटों में हेराफेरी और अनुशासनहीनता के चलते वर्ष 2021 में उसे कार्यमुक्त कर दिया गया।

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फिर शुरू हुआ फर्जीवाड़ा

कार्यमुक्त किए जाने के बाद भी अवनीश कुमार अपनी करतूतों से बाज नहीं आया। आरोप है कि वह कलेक्ट्रेट और न्यायालय परिसर में आने वाले वादकारियों को कम पैसों में नोटरी कराने का लालच देकर फर्जी नोटरी और एफिडेविट तैयार करने लगा। आरोपी द्वारा तैयार किए गए ये दस्तावेज़ असली नोटरी की तरह दिखते थे, जिन पर नोटरी कमिश्नर की नकली मुहर और हस्ताक्षर लगाए गए थे।

फिर कैसे हुआ खुलासा?

मामला तब खुला, जब हाल ही में एक एग्रीमेंट सत्यापन के लिए न्यायालय ने डी.के. सिंह को बुलाया। दस्तावेज़ की जांच करने पर उन्होंने पाया कि उस पर लगी मुहर और हस्ताक्षर पूरी तरह फर्जी हैं। हस्तलिपि भी अवनीश कुमार की है। इस पर नोटरी कमिश्नर ने तुरंत प्रशासन को जानकारी दी।

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डी.के. सिंह ने खोली पोल

डी.के. सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले भी अवनीश को इस तरह की हरकतों पर कड़ी चेतावनी दी थी। इसके बावजूद आरोपी लगातार फर्जी दस्तावेज़ बनाकर भोले-भाले लोगों से ठगी करता रहा। उन्होंने कहा कि आरोपी ने हाल ही में उनके नाम से एक फर्जी रहननामा (भूमि गिरवी रखने का दस्तावेज़) तैयार किया, जिसमें नकली मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया था।

एसडीएम नवाबगंज ने जांच की

नोटरी कमिश्नर ने इस संबंध में एसडीएम नवाबगंज को लिखित शिकायत भी दी थी, जिसे पुलिस के पास भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः आरोपी की हरकतों से तंग आकर डी.के. सिंह ने खुद कोतवाली पहुंचकर विस्तृत तहरीर दी। कमिश्नर की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी लंबे समय से यह फर्जीवाड़ा कर रहा था और कलेक्ट्रेट परिसर में आने वाले कई लोगों को फर्जी दस्तावेज़ देकर धोखा दे चुका है।

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