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महराजगंज के सदर तहसील क्षेत्र के केवलापुर खुर्द व सलामतगढ़ समेत दर्जनों गांव हर साल रोहिन नदी की बाढ़ से तबाह हो जाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जिनवापुर व जगपुर में ठोकर लगाने तथा चानकी घाट से अराजी सुबाईन तक नया बंधा बनवाने की मांग की है।
जिलाधिकारी के पास अपनी मांग लेकर पहुंचे ग्रामीण
Maharajganj: जिले के सदर तहसील क्षेत्र में बहने वाली रोहिन नदी एक बार फिर ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। हर साल आने वाली बाढ़ और लगातार हो रहे नदी कटान से केवलापुर खुर्द, सलामतगढ़, बागापार, चानकी, जगपुर और आसपास के गांवों के लोग भय के साए में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले मानसून में स्थिति भयावह हो सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, ग्रामीणों ने बताया कि रोहिन नदी के कटान की वजह से उनके खेतों की उपजाऊ मिट्टी बहकर नदी में समा जाती है। कई परिवारों के घर, खलिहान और यहां तक कि सड़के भी बर्बाद हो चुकी हैं। हर वर्ष बाढ़ का पानी गांवों में घुस आता है, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है।
ग्राम केवलापुर खुर्द, बागापार, चानकी, जिनवापुर, चट्टा टोला, जगपुर, सलामतगढ़, अराजी सुबाईन, पिपरहवा, औरहवा, जिगिनिअहवा, मगरहिया, सोनराडीह, रानीपुर और गौहरपुर जैसे दर्जनों गांव हर साल बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं। स्कूल बंद हो जाते हैं, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और गांवों का सड़क संपर्क कट जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे हर बार प्रशासन से राहत सामग्री मिलने के बजाय स्थायी समाधान की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। इस बार ग्रामीणों ने जिलाधिकारी महराजगंज को ज्ञापन भेजकर कहा है कि नदी के किनारे ठोकरें और मजबूत बंधा बनवाया जाए।
ज्ञापन में मांग की गई है कि जिनवापुर टोला (ग्राम केवलापुर खुर्द) और जगपुर टोला (ग्राम सलामतगढ़) में नदी के कटान को रोकने के लिए ठोकरें लगवाई जाएं। साथ ही, चानकी घाट से लेकर अराजी सुबाईन तक नया बंधा बनाया जाए, ताकि क्षेत्र को स्थायी रूप से बाढ़ से सुरक्षा मिल सके। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि बंधा निर्माण के दौरान जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित होगी, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
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वहीं ग्राम प्रधान केवलापुर खुर्द ने कहा कि अगर प्रशासन ने समय रहते ठोकर और बंधा निर्माण नहीं कराया, तो आगामी बरसात में आधा दर्जन गांवों के अस्तित्व पर संकट आ सकता है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बाढ़ नियंत्रण विभाग को स्थिति का सर्वे करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद बंधा निर्माण और ठोकर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।