महराजगंज: जनपद में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी सन्तोष कुमार शर्मा ने स्वयं अभियान की कमान संभाल ली है। बुधवार को उन्होंने सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम रामपुर बुजुर्ग, लखिमा और कटहरा सहित कई गांवों का दौरा किया और खेतों में पराली जलाने की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया।
क्या है पूरी खबर?
जानकारी के मुताबिक, निरीक्षण के दौरान ग्राम रामपुर बुजुर्ग में एक कंबाइन मशीन बिना एसएमएस (Super Straw Management System) के पाई गई, जिसे जिलाधिकारी ने मौके पर सीज करा दिया। इसी तरह जिन खेतों में पराली जलती पाई गई, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश उपजिलाधिकारी सदर को दिए गए।
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प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने की अपील
डीएम ने किसानों से संवाद कर पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल भूमि की उर्वरता घटती है बल्कि वातावरण प्रदूषित होता है और मानव स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। जिलाधिकारी ने किसानों से पराली को न जलाने और इसके प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसान हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम और कम्पोस्टिंग जैसे उपाय अपनाएं, ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।
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सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई
जानकारी के मुताबि, डीएम ने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य किसानों को दंडित करना नहीं, बल्कि उन्हें जागरूक करना है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अतिरिक्त पराली को गौशालाओं को दान करें। जिला प्रशासन इसकी ढुलाई की व्यवस्था करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।अभियान के तहत बुधवार को 13 लोगों को निरुद्ध किया गया, 27 के विरुद्ध जुर्माना लगाया गया और 10 कंबाइन मशीनें सीज की गईं। कुल मिलाकर 80 मामलों में नोटिस जारी हुए और ₹2,72,500 का जुर्माना वसूला गया।

