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पेट्रोलियम पदार्थ की कालाबाजारी करने वाले गैंग का कानपुर में बड़ा खुलासा, 6 सदस्य गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पेट्रोलियम पदार्थ की कालाबाजारी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का पर्दाफाश कबीर कोल्ड स्टोर के पीछे, अरौल थाना क्षेत्र, कानपुर नगर में किया गया। पुलिस की पूछताछ में पुलिस ने कई अहम राज खोले हैं।
Post Published By: Jay Chauhan
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पेट्रोलियम पदार्थ की कालाबाजारी करने वाले गैंग का कानपुर में बड़ा खुलासा, 6 सदस्य गिरफ्तार

Lucknow: यूपी STF ने बिटुमिन अपमिश्रित पेट्रोलियम पदार्थ की कालाबाजारी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 6 सक्रिय सदस्यों को कानपुर से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने गिरफ्तार आरोपियों से 6 मोबाइल फोन, 2 लोहे के कंटेनर, 2 टैंकर बिटुमिन आयल से भरा हुआ, 22.050 टन तारकोल टैंकर, 252 बोरी सफेद मार्बल, 31.500 टन लदा तारकोल, एक बड़ा जनरेटर, 2 प्लास्टिक के बड़े ड्रम, 8 कटे लोहे के बड़े ड्रम और 8,300 रुपये नकद बरामद किए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान

गिरफ्तार अभियुक्त मथुरा, हाथरस और कानपुर नगर जैसे विभिन्न जिलों के निवासी हैं। मुख्य अभियुक्त पवन सिंह उर्फ राजेंद्र सिंह समेत रणवीर, सुशील कुमार प्रजापति, सतीश कुमार, बंटी और देवी सिंह को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी गुरुवार को कबीर कोल्ड स्टोर के पीछे ईंट भट्ठा थाना क्षेत्र अरौल, जनपद कानपुर नगर से की है।

जानकारी के अनुसार, STF उत्तर प्रदेश को काफी समय से अपमिश्रित पेट्रोलियम पदार्थ के कालाबाजारी की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।

इस बीच एसटीएफ की एक टीम कानपुर नगर में भ्रमणशील थी। इस संबंध में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कबीर कोल्ड स्टोर के पीछे ईंट भट्ठा थाना क्षेत्र अरौल, जनपद कानपुर में अपमिश्रित पेट्रोलियम पदार्थ (डामर) से भरे 02 टैंकर, जो फैक्ट्री में बिटुमिन खाली करने व मिक्स करने के बाद बिटुमिन भरने हेतु खड़े हैं अगर जल्दी की जाये तो पकड़े जा सकते हैं।

इस सूचना पर तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए श्री अक्षय कुमार, सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग, श्री मनोज सिंह, कनिष्ठ अभियन्ता, आपूर्ति विभाग, श्री ओम प्रकाश राणा, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, तहसील बिल्लौर, दिनेश कुमार वर्मा पूर्ति निरीक्षक, तहसील बिल्लौर एवं प्रभारी निरीक्षक श्री जनार्दन सिंह यादव, थाना अरौल, जनपद कानपुर नगर को साथ लेकर उपरोक्त स्थान से 06 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

अपमिश्रित पेट्रोलियम पदार्थ का अवैध रूप से व्यापार करना उ०प्र० हाईस्पीड डीजल ऑयल एण्ड लाइट डीजल ऑयल (मेंटीनेंस ऑफ सप्लाई एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन) आर्डर 1981 (यथा संशोधित) के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं भारतीय न्याय संहिता की 111 (2) बी के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है।

सड़कों की क्षमता में गिरावट

सम्बन्धित विभाग द्वारा बताया गया कि बिटुमिन आयल और मार्बल पाउडर से बनाये गए तारकोल में संरचनात्मक गुणवत्ता में कमी के कारण सड़के कमजोर बनती है व उनकी स्थायित्व क्षमता में गिरावट व सड़क की परतों में बाइंडिंग स्ट्रेंथ कम होने के कारण मजबूती और टिकाऊपन नहीं रहता है। इनके द्वारा सप्लाई किये गये खराब विटुमिन के कारण थोडी ही बारिश में सड़के पूरी तरह से खराब हो जाती है, इससे सरकार को भारी आर्थिक हानि व आम जनमानस को भारी मुसीबतो का सामना करना पड़ता है।

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मुख्य अभियुक्त पवन सिंह उर्फ राजेंदर, चालक व अन्य सदस्यों ने पूछताछ पर बताया कि वे मथुरा रिफाईनरी से बिटुमिन लोड कर गन्तव्य स्थान पर पहुँचने से पहले फैक्ट्री में एक टैंकर से 07-08 ड्रम बिटुमिन निकाल कर उसमें मिक्सर मशीन में सफेद पाउडर मिलाकर तैयार कर टैंकर में भर देते हैं।

इस फैक्ट्री में यह लोग मिक्सर मशीन में सफेद पाउडर (मारबल पाउडर) मिलाकर बिटुमिन तैयार कर मथुरा, हरदोई, फरुक्खाबाद, उन्नाव, कन्नौज व आसपास के जनपदों में सप्लाई कर कालाबाजारी करते थे। इस काम में काफी मुनाफा होता है। इसी कारण यह काम पिछले काफी समय से करते आ रहे हैं। जिसमे प्रतिदिन 08-10 टैंकरों से बिटुमिन आयल काटकर लगभग 70-80 हजार का मुनाफा कमाते हैं।

पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना अरौल, जनपद कानपुर नगर में मु०अ०सं० 0213/2025 धारा 111 (2) बी, बीएनएस 2023 व 3/7 आवश्यक वस्तु अधि. 1955 में मामला दर्ज किया गया है।  पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

बिटुमेन, जिसे आम भाषा में डामर कहा जाता है। सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाला अहम पेट्रोलियम उत्पाद है। इसकी सप्लाई आमतौर पर सरकारी मानकों के अनुरूप होती है, लेकिन कुछ लालची कारोबारी इसमें मिलावट करके भारी मुनाफा कमाते हैं।  यह मिलावट न केवल गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि सड़क की उम्र भी घटा देती है। इसके चलते सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचता है. एसटीएफ ने इस कार्रवाई से एक संगठित रैकेट को बेनकाब किया है. साथ ही यह संकेत दिया है कि राज्य सरकार अवैध कारोबार और मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए हुए है।

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