कानपुर रिटायर्ड अफसर हत्याकांड: मौत से पहले 62 साल का था, पीएम रिपोर्ट में लिखी 21 वर्ष, आरोपी का होगा ये टेस्ट

कानपुर में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब महिला द्वारा पति की हत्या का आरोप लगाकर बेटे को जेल भेजवाया गया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उम्र में अंतर आने के बाद कोर्ट ने डीएनए जांच के आदेश दिए हैं। अब पूरा मामला उलझ गया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 11 October 2025, 4:01 PM IST

Kanpur: यूपी के कानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसने पुलिस, कोर्ट और परिवार तीनों को हैरानी में डाल दिया है। एक महिला द्वारा अपने बेटे पर पति की हत्या का आरोप लगाकर जेल भिजवाने के बाद अब इस केस में बड़ा मोड़ आ गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार जिस शव की पहचान 62 वर्षीय कमलापति तिवारी के रूप में की गई थी। उसकी वास्तविक उम्र मात्र 21 वर्ष पाई गई है। इस आधार पर कोर्ट ने अब बेटे रामजी तिवारी की डीएनए जांच कराने के आदेश दिए हैं, जिससे सच्चाई सामने लाई जा सके।

क्या है पूरा मामला?

कल्याणपुर कोतवाली क्षेत्र के चंदेल नगर पुराना शिवली रोड निवासी कमलापति तिवारी रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। वे दो साल पहले जयनगर (मधुबनी, बिहार) से गार्ड पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी पत्नी मधु तिवारी अधिकतर समय वृंदावन में रहती हैं, जबकि छोटा बेटा रामजी बेरोजगार है और नारामऊ स्थित अपने ससुराल में रहता है।

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मई के अंत में जब मधु तिवारी वृंदावन से वापस आई तो उन्हें बताया गया कि कमलापति 15 मार्च को जयनगर गए थे और उसके बाद से उनका मोबाइल बंद है। 12 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मोबाइल की आखिरी लोकेशन बिहार के जयनगर में पाई गई, लेकिन वहां पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला।

औरैया में मिला जला हुआ शव, फोटो से की गई शिनाख्त

इसी बीच औरैया के बेला थाने से सूचना मिली कि 18 मार्च को एक जला हुआ शव बरामद हुआ था। शव की हालत खराब थी, चेहरा जल चुका था। जब फोटो दिखाया गया तो मधु तिवारी ने शव की पहचान अपने पति कमलापति तिवारी के रूप में की। इसी आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और 19 सितंबर को शव की पहचान की पुष्टि की गई।

बेटे और उसके साथी पर हत्या का आरोप

मधु तिवारी ने आरोप लगाया कि कमलापति का संपर्क ऋषभ शुक्ला (निवासी प्रयाग सोसायटी, माधवपुर) से था और संभवतः उसी ने हत्या की। पुलिस ने मामले की विवेचना की और बेटे रामजी तिवारी और ऋषभ शुक्ला को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दोनों वर्तमान में जिला कारागार में बंद हैं।

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बढ़ाई जांच की गुत्थी

हालांकि, इस केस में नया मोड़ तब आया जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की उम्र 21 वर्ष बताई गई, जबकि कमलापति की उम्र 62 साल थी। यह विरोधाभास विवेचक रईस अहमद की नजर में आया, जिन्होंने कोर्ट में डीएनए जांच के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया।

आरोपी रामजी की होगी डीएनए जांच

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरज मिश्र की कोर्ट ने रामजी तिवारी की डीएनए जांच के आदेश दे दिए हैं। अदालत ने माना कि शव जला हुआ था, और फोटो से शिनाख्त निश्चित नहीं है। ऐसे में डीएनए मिलान से ही यह तय हो पाएगा कि शव वास्तव में कमलापति तिवारी का था या नहीं। रामजी तिवारी ने खुद भी डीएनए जांच के लिए सहमति दी है, जिससे मामले की सच्चाई जल्द सामने आने की उम्मीद है। अगर डीएनए रिपोर्ट से यह साबित होता है कि शव कमलापति का नहीं था तो मामला पूरी तरह से पलट सकता है।

Location : 
  • Kanpur

Published : 
  • 11 October 2025, 4:01 PM IST