Kannauj: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 6 सितंबर 2025 को कन्नौज के ठठिया क्षेत्र पहुंचे। यहां पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने, बिजली करंट से मृतक बृजेश राठौर के परिजनों से मुलाकात की और साथ ही परिजनों को सहायता देने का आश्वासन दिया है।
परिजनों से क्या बातचीत हुई?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मृतक बृजेश राठौर के परिजनों से कमरे में बंद होकर बातचीत की। उन्होंने दुख जताया कि जिस परिवार को न्याय मिलना चाहिए, उस पर ही पुलिस ने अत्याचार किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं को पीटा गया, घरों में तोड़फोड़ की गई और रिश्तेदारों को झूठे मुकदमों में जेल भेजा गया।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 6, 2025
थानाध्यक्ष को रोका गया, हुआ विवाद
इस दौरान जब ठठिया थाने के प्रभारी निरीक्षक जय प्रकाश शर्मा कमरे में घुसने लगे, तो अखिलेश यादव के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया, जिससे दोनों पक्षों में बहस भी हुई। यह घटना प्रशासन और सपा के बीच टकराव को साफ दर्शाती है।
सरकार पर अखिलेश यादव का हमला
मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “बृजेश की मौत बिजली विभाग की लापरवाही से हुई और सरकार ने मुआवजा तक नहीं दिया। उल्टा, पीड़ित परिवार पर लाठीचार्ज कर दिया गया।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर अज्ञात के नाम पर झूठे मुकदमे दर्ज किए, ताकि बाद में उनसे वसूली की जा सके। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा “आज हालात ऐसे हैं कि लोग पुलिस को देखकर अपनी जेब पकड़ लेते हैं।”
पीड़ित परिवार को दी आर्थिक सहायता
अखिलेश यादव ने बृजेश राठौर के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी और आश्वासन दिया कि सपा हर हाल में पीड़ितों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार गरीबों को न्याय देने में विफल रही है।
लाइनमैन की सुरक्षा पर उठाए सवाल
अखिलेश ने कहा कि यूपी में अक्सर लाइनमैन करंट लगने से मारे जाते हैं, लेकिन सरकार कोई सुरक्षा उपाय नहीं करती। उन्होंने मांग की कि दोषी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
अब आगे क्या?
इस घटना के बाद कन्नौज में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज़ हो गई है। सपा इस मामले को विधानसभा सत्र में उठाने की तैयारी कर रही है। पीड़ित परिवार ने न्याय और मुआवजे की मांग की है। प्रशासन पर अब जनदबाव बढ़ता दिख रहा है, और पूरे मामले की जांच की मांग हो रही है। यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ती खाई को उजागर करती है, जहां जनता के सवाल अब सड़कों पर गूंज रहे हैं।