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Jalaun News: डीएम के निर्देश पर सड़कों पर उतरे अफसर, रॉन्ग साइड वाहनों पर कसी नकेल

जालौन जिले में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर एक विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Jalaun News: डीएम के निर्देश पर सड़कों पर उतरे अफसर, रॉन्ग साइड वाहनों पर कसी नकेल

जालौन: सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए जालौन जिले में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर एक विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य रॉन्ग साइड ड्राइविंग को रोकना और सड़क हादसों को कम करना था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस अभियान के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की, जिसमें उप जिलाधिकारी सुशील कुमार खुद सड़कों पर उतरे और यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और स्थानीय थानों की टीमें उनके साथ उपस्थित थीं। इस दौरान कौंच, जालौन, माधौगढ़ और उरई जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया।

रॉन्ग साइड वाहनों पर कड़ी कार्रवाई

वहीं चेकिंग के दौरान कई ट्रकों और अन्य वाहनों को रॉन्ग साइड ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया। इनमें से कुछ वाहनों का चालान किया गया, जबकि कुछ के खिलाफ यातायात नियमों के उल्लंघन के आधार पर कठोर कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने न केवल नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाया, बल्कि वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक भी किया।

क्या बोले जिलाधिकारी?

जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि रॉन्ग साइड ड्राइविंग और यातायात नियमों की अवहेलना सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क पर अनुशासनहीनता न केवल चालकों की जान को खतरे में डालती है, बल्कि अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनती है। इसीलिए, इस तरह के अभियानों को नियमित रूप से चलाने के लिए सभी उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों, परिवहन अधिकारियों और यातायात पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।

अभियान का लक्ष्य केवल चालान काटना नहीं

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि यह अभियान केवल चालान काटने या वाहनों को जब्त करने तक सीमित नहीं है। इसका मुख्य लक्ष्य जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना और एक ऐसी यातायात संस्कृति का निर्माण करना है, जहां लोग स्वेच्छा से नियमों का पालन करें। इस अभियान में क्षेत्राधिकारी, यातायात निरीक्षक, परिवहन अधिकारी और स्थानीय थानों के थानाध्यक्ष सहित कई अन्य अधिकारी शामिल रहे।

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