

भारत के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रेमानंद महाराज ने भक्तों से राहत कार्य में सहयोग की अपील की है।
प्रेमानंद महाराज ने किया राहत कार्य के लिए आह्वान
Mathura: भारत के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में बाढ़ ने कहर बरपाया है। मथुरा-वृंदावन के आसपास के 45 गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिससे लाखों लोग घरों से विस्थापित हो गए हैं। इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसान अपनी फसलों के नुकसान से जूझ रहे हैं और लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ऐसे में वृंदावन स्थित श्री राधा हित केलि कुंज आश्रम के प्रेमानंद महाराज जी ने इस आपदा को लेकर भक्तों से विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं हमें यह सिखाती हैं कि प्रकृति का दोहन न करें और इसके बचाव के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर काम करें। साथ ही उन्होंने कहा, हमारा जीवन तभी सार्थक है जब हम दूसरों की मदद करें।
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प्रेमानंद महाराज ने बताया कि मथुरा-वृंदावन के आसपास के इलाकों में बाढ़ के कारण लाखों लोग खाने-पीने और बिजली से वंचित हैं। उन्होंने अपनी टीम और संतजन के माध्यम से राहत सामग्री वितरित करने का कार्य शुरू किया है। "हम नाव से घर-घर जाकर राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। अगर आपके पास संसाधन हैं, तो आप भी मदद करें।" उन्होंने आगे कहा।
उत्तर भारत के कई अन्य क्षेत्र जैसे उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन, और पंजाब के विभिन्न इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण मथुरा-वृंदावन के इलाके जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने 9000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है, और राहत शिविरों में उन्हें खाने-पीने और चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं।
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भारत सरकार भी इस संकट से निपटने के लिए पूरी ताकत से प्रयास कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, और केंद्रीय व राज्य सरकारें अपने स्तर पर प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।