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पंजीकरण में अड़चन या नई साजिश? अधिवक्ताओं ने उठाए ऑनलाइन सिस्टम पर गंभीर सवाल

बाराबंकी जनपद की तहसील फतेहपुर में नई ऑनलाइन पंजीयन प्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं, स्टाम्प विक्रेताओं, दस्तावेज लेखकों और ऑपरेटरों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। 24 जुलाई से लागू की गई इस नई प्रणाली को लेकर सभी संबंधित पक्षों ने इसे अव्यवहारिक और जटिल करार दिया है।
Post Published By: Poonam Rajput
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पंजीकरण में अड़चन या नई साजिश? अधिवक्ताओं ने उठाए ऑनलाइन सिस्टम पर गंभीर सवाल

Barabanki: बाराबंकी जनपद की तहसील फतेहपुर में नई ऑनलाइन पंजीयन प्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं, स्टाम्प विक्रेताओं, दस्तावेज लेखकों और ऑपरेटरों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। 24 जुलाई से लागू की गई इस नई प्रणाली को लेकर सभी संबंधित पक्षों ने इसे अव्यवहारिक और जटिल करार दिया है। नाराज अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपनिबंधक अवधेश कुमार मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें एक मांगपत्र सौंपा और पुरानी ऑनलाइन पद्धति को बहाल किए जाने की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक  अब तक की प्रक्रिया के अनुसार, पंजीयन के लिए क्रेता या विक्रेता – इनमें से किसी एक पक्ष के मोबाइल नंबर से सत्यापन की सुविधा थी, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज़ थी। लेकिन अब नई व्यवस्था में दोनों पक्षों के मोबाइल नंबर से ओटीपी सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके कारण न केवल प्रक्रिया में देरी हो रही है, बल्कि कई मामलों में आवेदन बार-बार असफल भी हो रहे हैं। इससे न केवल अधिवक्ताओं बल्कि आम नागरिकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय अधिवक्ताओं का कहना है कि नई प्रणाली से कामकाज की रफ्तार धीमी हो गई है। अक्सर क्रेता या विक्रेता पक्ष उपलब्ध नहीं होते हैं या तकनीकी कारणों से सत्यापन नहीं हो पाता, जिससे पंजीयन का कार्य बाधित हो रहा है। दस्तावेज लेखकों और ऑनलाइन ऑपरेटरों का कहना है कि बार-बार प्रयास करने के बावजूद आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं, जिससे काम रुका हुआ है और कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रहती है।

बार एसोसिएशन में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया, जहां अधिवक्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि पुरानी ऑनलाइन पद्धति, जिसमें सिर्फ एक पक्ष के मोबाइल से सत्यापन पर्याप्त था, को दोबारा लागू किया जाए। अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि नई व्यवस्था को बिना समुचित प्रशिक्षण और परीक्षण के लागू कर देना प्रशासन की जल्दबाजी को दर्शाता है, जिसका खामियाजा अब आम लोग भुगत रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने उपनिबंधक को सौंपे ज्ञापन में यह मांग की है कि तत्काल प्रभाव से नई व्यवस्था को स्थगित कर, पूर्ववर्ती प्रणाली को बहाल किया जाए, ताकि कार्य में सुगमता आए और जनसामान्य को राहत मिल सके। उपनिबंधक अवधेश कुमार मिश्रा ने ज्ञापन प्राप्त कर इस विषय को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है।

फतेहपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही कोई समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

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