

घर का सपना हर किसी के जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की पाम पैराडाइज आवासीय योजना ने आज कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी, तो वहीं कुछ आवेदकों के लिए यह दिन निराशा लेकर आया।
पैराडाइज आवासीय योजना की निकली लॉटरी
Gorakhpur: गोरखपुर में घर का सपना हर किसी के जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की पाम पैराडाइज आवासीय योजना ने आज कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी, तो वहीं कुछ आवेदकों के लिए यह दिन निराशा लेकर आया। ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) श्रेणी के लिए निकाली गई इस लॉटरी का परिणाम सोमवार को घोषित किया गया।
लॉटरी कार्यक्रम जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन की मौजूदगी में पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ। इस दौरान ओएसडी ने चयनित आवेदकों के नाम पुकारकर सुनाए। मौके पर जीडीए सचिव पुष्प राज सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। जैसे ही विजेताओं के नामों की घोषणा हुई, सभागार तालियों से गूंज उठा। जिन परिवारों का नाम लॉटरी सूची में आया, उनके लिए यह क्षण जीवनभर यादगार बनने वाला है।
वहीं जिनका चयन नहीं हो सका, उनके चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। हालांकि जीडीए अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी जमा धनराशि पूरी तरह सुरक्षित है और किसी भी प्रकार की औपचारिकता के बिना एक सप्ताह के भीतर उनके बैंक खातों में वापस कर दी जाएगी। इस घोषणा से असफल आवेदकों को बड़ी राहत मिली।
पाम पैराडाइज योजना में बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया था। सीमित आवास संख्या के कारण हर किसी को लाभ नहीं मिल सका। बावजूद इसके, योजना के प्रति लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। विजेताओं में घर पाने की खुशी साफ दिखाई दी, तो वंचित आवेदकों ने अगले अवसर की उम्मीद जताई।
जीडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसी योजनाएं लाकर आमजन को लाभान्वित किया जाएगा। उनका कहना था कि सरकार और प्राधिकरण का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का घर का सपना साकार हो।
फिलहाल, पाम पैराडाइज योजना के चयनित आवेदक नई जिंदगी की शुरुआत की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं, चयन से वंचित आवेदक जीडीए की आने वाली योजनाओं पर निगाहें टिकाए हुए हैं। इस लॉटरी ने गोरखपुर में आवास योजनाओं के प्रति लोगों की उत्सुकता और भरोसे को और भी मजबूत कर दिया है।
किसी की किस्मत चमकी तो किसी का सपना टूटा, लेकिन उम्मीदों का कारवां आगे बढ़ता रहा। यही इस योजना का सबसे बड़ा संदेश है।