Gorakhpur: पुलिस लाइन परिसर में शुक्रवार को नवंबर 2025 के ‘यातायात माह’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर एडीजी जोन मुथा अशोक जैन और डीआईजी एस. चनप्पा ने हरी झंडी दिखाकर ट्रैफिक जागरूकता रैली को रवाना किया। रैली का उद्देश्य था शहरवासियों को सड़क सुरक्षा, यातायात नियमों और दुर्घटना रोकथाम के प्रति जागरूक करना।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम में कार्यवाहक एसएसपी/एसपी सिटी अभिनव त्यागी, एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय, सीओ ट्रैफिक विवेक तिवारी, सीओ कैंट योगेन्द्र सिंह, इंस्पेक्टर ट्रैफिक मनोज राय, आरआई हरिशंकर सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी, एनसीसी कैडेट, स्कूली छात्र-छात्राएं और ट्रैफिक जवान शामिल हुए।
मोटरसाइकिलों की लंबी कतार से रवाना हुई पुलिस
हरी झंडी दिखाने के बाद मोटरसाइकिलों की लंबी कतार पुलिस लाइन से रवाना हुई। रैली शहर के प्रमुख चौराहों जैसे गोलघर, दीनदयाल नगर, मोहद्दीपुर और काली मंदिर चौराहे से होकर गुजरी। रास्ते में ट्रैफिक जवानों और छात्रों ने लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, लेन में चलने और निर्धारित गति सीमा का पालन करने का संदेश दिया।
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यातायात नियमों का पालन करना नागरिकों का कर्तव्य
एडीजी अशोक जैन ने अपने संबोधन में कहा, “सड़कें सभी की सुविधाओं के लिए बनी हैं। इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह यातायात नियमों का पालन करे। सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।” उन्होंने बताया कि गोरखपुर में सड़कें चौड़ी होने के बावजूद ठेले और अवैध पार्किंग के कारण जाम की समस्या बढ़ जाती है। इसके समाधान के लिए नगर निगम के साथ संयुक्त कार्ययोजना बनाई जाएगी ताकि ठेले और दुकानों को निर्धारित स्थानों पर ही लगाया जाए।
चालकों को इस काम के लिए करेंगे प्रेरित
एडीजी ने जिले के दुर्घटना संभावित स्थलों (ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान करने और वहां चेतावनी बोर्ड, स्पीड ब्रेकर व रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दी और कोहरे के मौसम में चालकों को फॉग लाइट, हैजर्ड लाइट लगाने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि दृश्यता कम होने पर भी हादसों से बचा जा सके।
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उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाना, बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के सफर करना दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। एडीजी ने कहा, “नियमों का पालन केवल चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपने और दूसरों के जीवन की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।”
अंत में एडीजी ने कहा कि ‘यातायात माह’ केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का अभियान है। इसकी सफलता तभी संभव है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि नियमों का पालन करें, सुरक्षित स्वयं रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने दें।

