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Gorakhpur News: सोशल मीडिया ने पिता-पुत्र को मिलाया; बुजुर्ग की पहचान वायरल तस्वीर से हुई

इस दौर में सोशल मीडिया जहां गलत सूचनाओं और अफवाहों के लिए आरोपित होता है, वहीं कभी-कभी यही माध्यम किसी परिवार के लिए संजीवनी भी साबित हो जाता है। गोला थाना क्षेत्र से सामने आई एक मानवीय कहानी ने यह साबित कर दिया कि यदि तकनीक का सही उपयोग हो तो वह बिछड़ों को मिलाने का जरिया भी बन सकती है।
Post Published By: Rohit Goyal
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Gorakhpur News: सोशल मीडिया ने पिता-पुत्र को मिलाया; बुजुर्ग की पहचान वायरल तस्वीर से हुई

Gorakhpur: गोरखपुर में तकनीक के इस दौर में सोशल मीडिया जहां गलत सूचनाओं और अफवाहों के लिए आरोपित होता है, वहीं कभी-कभी यही माध्यम किसी परिवार के लिए संजीवनी भी साबित हो जाता है। गोला थाना क्षेत्र से सामने आई एक मानवीय कहानी ने यह साबित कर दिया कि यदि तकनीक का सही उपयोग हो तो वह बिछड़ों को मिलाने का जरिया भी बन सकती है।

मामला गोला क्षेत्र के ग्राम सेमरी का है। सोमवार की तड़के गांव के प्रसिद्ध माँ जम्बूद्वीप भगवती मंदिर परिसर में एक बुजुर्ग व्यक्ति असहाय अवस्था में भटकते हुए दिखाई दिए। ठंड से कांप रहे इस अज्ञात बुजुर्ग को देखकर गांव की निवासी गीता तिवारी, पत्नी कृष्णानंद तिवारी, हक्का-बक्का रह गईं। उन्होंने तुरंत अपने पति को बुलाया और दोनों ने मिलकर मानवता का परिचय देते हुए बुजुर्ग को घर ले जाकर स्वेटर पहनाया, चाय-पानी और भोजन कराया। थोड़ी देर में बुजुर्ग की शारीरिक अवस्था तो ठीक हो गई, मगर वे अपना नाम-पता स्पष्ट रूप से बताने में असमर्थ थे।

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युवाओं का सराहनीय कदम

इसी बीच गांव के युवाओं ने आगे आकर सराहनीय कदम उठाया। उत्साही युवक राहुल तिवारी और राकेश तिवारी ने उस बुजुर्ग की तस्वीरें लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कीं और लोगों से पहचान कराने की अपील की। साथ ही गोला पुलिस को भी जानकारी दी गई। देखते ही देखते तस्वीर वायरल हो गई और कुछ ही घंटों में सैकड़ों लोगों तक पहुंच गई।

वायरल तस्वीर से पहचान

युवकों के फोन पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि तस्वीर में दिख रहे बुजुर्ग उनके पिता त्रिलोकी हैं, जो कुरावल, थाना उरूवा के निवासी हैं और मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण दो दिन पहले घर से निकल गए थे। कॉल करने वाले युवक राम मिलन ने बताया कि पिछले दो दिनों से वह अपने पिता की तलाश में परेशान होकर इधर-उधर भटक रहा था, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। बाद में वीआईपी ड्यूटी में तैनात कांस्टेबल राम बाबू ने भी पहचान की पुष्टि में सहयोग किया।

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खबर मिलते ही लगभग एक घंटे के भीतर ही गांव में पिता-पुत्र का भावुक मिलन हुआ। अपने पिता को सामने देख राम मिलन की आंखें भर आईं। उन्होंने गांव वालों और सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करने वाले समस्त लोगों के प्रति आभार जताया।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जब इंसानियत और तकनीक साथ मिल जाएं, तो चमत्कार जैसे परिणाम सामने आते हैं।

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