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गोरखपुर: दिवाल गिरने से मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

गोरखपुर में दिवाल गिरने से मजदूर की दर्दनाक मौत हो गयी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर: दिवाल गिरने से मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

गोरखपुर: जनपद मंगलवार का दिन बड़हलगंज थाना क्षेत्र के बढ़या दुबे गांव के लिए एक दुखद घटना लेकर आया, जब 40 वर्षीय मजदूर अनिल यादव की शौचालय की टंकी की खुदाई के दौरान दीवार गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। अनिल की मासूम दो वर्षीय बेटी और परिवार अब असहनीय दुख के साथ अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है।

डाइनामाइट न्यूज संवादादता के अनुसार घटना बड़हलगंज थाना क्षेत्र के कोराड़ी गांव में उस समय हुई, जब अनिल यादव मुसाफिर साहनी के घर पर शौचालय निर्माण के लिए टंकी की खुदाई का काम कर रहे थे। मेहनत और लगन से अपने परिवार का पेट पालने वाले अनिल उस दिन सुबह काम पर निकले थे, लेकिन किसे पता था कि यह उनकी आखिरी सुबह होगी।

बताया जाता है कि टंकी के पास बनी एक दीवार अचानक भरभराकर गिर पड़ी, और अनिल इसके नीचे दब गए। हादसा इतना भीषण था कि अनिल को बचाने का कोई मौका नहीं मिला। मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों और ग्रामीणों ने मलबे से उन्हें निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक अनिल अपनी जिंदगी की जंग हार चुके थे।अनिल यादव की मौत की खबर सुनते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया। उनकी दो साल की मासूम बेटी, जो अभी पिता का चेहरा भी ठीक से नहीं पहचान पाई थी, अब अनाथ हो गई।

परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। अनिल अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे, और उनकी मौत ने परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया। परिजनों ने सदमे में पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया, जिससे उनके दुख की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इस घटना ने एक बार फिर निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा के सवाल को उठाया है। अक्सर मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के खतरनाक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर होते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और अनिल के परिवार को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।अनिल की मौत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। उनकी मासूम बेटी के भविष्य और परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इस दुख की घड़ी में अनिल के परिवार का साथ दे और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

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