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गोरखरपुर एम्स ने किया नियमों में बदलाव, तीमारदारों की होगी अब जेब खाली

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर ने एक सराहनीय और सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लेते हुए अपने रात्रि विश्राम शरणालय (नाइट शेल्टर) के शुल्क को ₹10 प्रति रात कर दिया है। एम्स परिसर में स्थित यह रात्रि आश्रय स्थल तीमारदारों को *स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण* प्रदान करता है।
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखरपुर एम्स ने किया नियमों में बदलाव, तीमारदारों की होगी अब जेब खाली

Gorakhpur: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर ने एक सराहनीय और सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लेते हुए अपने रात्रि विश्राम शरणालय (नाइट शेल्टर) के शुल्क को और घटाकर मात्र ₹10 प्रति रात कर दिया है। यह सुविधा मरीजों के तीमारदारों को सम्मानजनक और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिससे वे खुले में धूप या वर्षा के बीच रात बिताने को मजबूर न हों।

इस पहल को कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता, एसएम (सेवानिवृत्त) के दूरदर्शी नेतृत्व में क्रियान्वित किया गया है, जिन्होंने सदैव मरीजों व उनके परिजनों के लिए सहानुभूतिपूर्ण व सहयोगी वातावरण को प्राथमिकता दी है।

गौरतलब है कि जुलाई 2025 में ही यह शुल्क ₹75 से घटाकर ₹30 किया गया था। अब इसे और घटाकर ₹10 कर देना यह दर्शाता है कि एम्स गोरखपुर प्रशासन इस विषय को केवल सुविधा नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा और सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देखता है।

” हमारी कोशिश है कि मरीजों के साथ आए हर परिजन को कठिन समय में भी एक सुरक्षित, स्वच्छ और सस्ती जगह मिल सके। यह भी उपचार प्रक्रिया का ही हिस्सा है ” ऐसा कहना है मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता का।

एम्स परिसर में स्थित यह रात्रि आश्रय स्थल तीमारदारों को *स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण* प्रदान करता है। इससे अस्पताल की स्वच्छता में भी सुधार होगा, क्योंकि अब लोग गलियारों, सीढ़ियों या लॉन में रात बिताने से बचेंगे।

एम्स गोरखपुर न केवल *चिकित्सकीय सेवाओं में उत्कृष्टता* की मिसाल बन रहा है, बल्कि मरीजों के परिजनों के लिए भी *सहायक व्यवस्थाएं उपलब्ध करा कर संपूर्ण मानव-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा मॉडल की ओर अग्रसर है।

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