रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानी वीरा पासी की जयंती मनाई धूमधाम के साथ नई गई। उनका 1857 के गदर में रायबरेली में विशेष योगदान था। रायबरेली के कोरिहर ग्राम सभा में स्वतंत्रता सेनानी वीर शिरोमणि सेनापति वीरा पासी की जयंती मनाई गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस अवसर पर वीरा पासी फाउंडेशन के अध्यक्ष युवा नेता बृजेश पासी के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे स्वतंत्रता सेनानी वीरा पासी की जयंती के अवसर पर 1111 दीप प्रवज्जलित किए गए साथ ही आल्हा का कार्यक्रम भी किया गया आल्हा गायन वर्तिका सिंह राजपूत ने आल्हा गायन के माध्यम से समाज के इतिहास की जानकारी दी।
कांग्रेस मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद
जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में सुशील पासी राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी बिहार कांग्रेस मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। तो वही डॉ प्रशांत रावत ऑर्थोपेडिक सर्जन,योगेश कुमार मिशन इंस्टीट्यूट, वीरेंद्र यादव जिला पंचायत सदस्य, हनुमान अम्बेडकर, सीतांशु मौर्य प्रवक्ता ,डॉ शैलेन्द्र रावत प्रत्याशी जिला पंचायत सहित कई विशिष्ट अतिथि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे, कार्यक्रम के आयोजक युवा नेता बृजेश पासी द्वारा सभी मुख्य अतिथियों व विशिष्ट अतिथियों सहित सभाध्यक्ष को फूल माला पहनाकर व अंगवस्त्रम, प्रदान कर सम्मानित किया।
1857 के स्वतंत्रता संग्राम के एक योद्धा
वीरा पासी 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के एक योद्धा और बैसवारा के राजा राणा बेनी माधव के सेनापति थे। उनका मूल नाम शिवदीन पासी था। जब अंग्रेजों ने राणा बेनी माधव को बंदी बना लिया था, तब शिवदीन पासी ने उन्हें जेल से छुड़ाने का बीड़ा उठाया था। राणा को मुक्त कराने के बाद ही उन्हें ‘वीरा पासी’ के नाम से जाना जाने लगा।
Road Accident: रायबरेली में हादसों का सिलसिला, बाइक दुर्घटना में युवक की मौत; गांव में शोक की लहर
गतिविधियों से अंग्रेजों में भय का माहौल
इतिहासकारों के अनुसार, अंग्रेजों ने वीरा पासी को पकड़ने के लिए उस समय 50,000 रुपये का इनाम रखा था। उनकी गतिविधियों से अंग्रेजों में भय का माहौल था, जो उनकी बहादुरी और प्रभाव को दर्शाता है।आज सेनापति वीरा पासी की स्मृति में लालगंज में ‘वीरा पासी चौक’ पर उनकी प्रतिमा स्थापित है, जो उनकी विरासत को सम्मान देती है।

