Fatehpur News: फतेहपुर में किसानों का फूटा गुस्सा,आंदोलन की दी चेतावनी, जानिए क्या है पूरा मामला

फतेहपुर जनपद के कल्यानपुर थाना क्षेत्र स्थित चौडगरा पहुर गांव में सोमवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 6 May 2025, 2:44 PM IST
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फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के कल्यानपुर थाना क्षेत्र स्थित चौडगरा पहुर गांव में सोमवार को उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) से जुड़े सैकड़ों किसानों ने एकत्र होकर डालमिया ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए। किसानों का आरोप है कि कंपनी ने उनके खेतों और आम रास्तों पर जबरन कब्ज़ा कर लिया है। साथ ही जो किसान अपनी ज़मीन बेचना नहीं चाहते, उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके खेतों तक पहुँचने से भी रोका जा रहा है।

भ्रष्टाचार के आरोप

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, किसानों का कहना है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे गांव की सामूहिक समस्या बन चुका है। उनका आरोप है कि कंपनी ने भ्रष्टाचार के ज़रिए ज़मीनों की खरीद-फरोख्त में कई अनियमितताएं की हैं, जिससे क्षेत्र में असंतोष फैलता जा रहा है। किसानों ने यह भी दावा किया कि कई ऐसे दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कराए गए हैं, जिनकी उन्हें जानकारी तक नहीं थी। कुछ किसानों को धोखे में रखकर ज़मीनें हड़प ली गईं।

ज्ञापन सौंपा

इस पूरी घटना को लेकर सोमवार को दर्जनों किसान कल्यानपुर प्रशासनिक कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन छोड़कर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। किसानों ने यह भी चेतावनी दी कि उनका आंदोलन केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ज़रूरत पड़ी तो वे जिला मुख्यालय और लखनऊ तक कूच करेंगे।

आंदोलन छेड़ेंगे

भारतीय किसान यूनियन के क्षेत्रीय संयोजक रामदीन पटेल ने कहा, "हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारी ज़मीनें हमारी जीवनरेखा हैं। इन्हें जबरन छीना जा रहा है। प्रशासन और कंपनियों की मिलीभगत से किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। अगर अब भी हमारी आवाज़ को नहीं सुना गया, तो हम सड़क से संसद तक आंदोलन छेड़ेंगे।"

निष्पक्ष जांच कराई जाएगी

किसानों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन की ओर से हलचल तेज हो गई है। एसडीएम और तहसीलदार ने किसानों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि किसी भी कंपनी ने अवैध तरीके से ज़मीन कब्ज़ाई है या किसानों के रास्ते को बाधित किया है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गांव के बुजुर्ग किसान राजाराम निषाद ने बताया, “पिछले 30 साल से हम इस ज़मीन पर खेती कर रहे हैं। अब अचानक हमें बताया जा रहा है कि यह ज़मीन अब हमारी नहीं रही। हमें अपने ही खेतों तक जाने से रोका जा रहा है। यह अन्याय है।”

किसानों ने आरोप लगाया

वहीं कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि कंपनी की ओर से स्थानीय दबंगों का सहारा लेकर किसानों को डराने-धमकाने की भी कोशिश की जा रही है। इस कारण गांव का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। महिलाएं और बुजुर्ग भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं।

जांच में जुटा प्रशासन

फिलहाल प्रशासन इस मामले की जांच में जुट गया है, लेकिन किसानों की चेतावनी को देखते हुए स्थिति किसी भी समय बिगड़ सकती है। प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।

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