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उत्तर प्रदेश में 5000 स्कूलों की बंदी से शिक्षा और रोजगार पर संकट, कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में करीब 5000 प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को बंद किए जाने के फैसले का कांग्रेसजन ने कड़ा विरोध किया है। जनपद महराजगंज के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा।
Post Published By: Rohit Goyal
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उत्तर प्रदेश में 5000 स्कूलों की बंदी से शिक्षा और रोजगार पर संकट, कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी

महराजगंज: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में करीब 5000 प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को बंद किए जाने के फैसले का कांग्रेसजन ने कड़ा विरोध किया है। जनपद महराजगंज के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार नशे को बढ़ावा देने के लिए हजारों शराब की दुकानों को अनुमति दे रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत को नजरअंदाज कर गरीब और ग्रामीण तबके के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ज्ञापन में बताया गया कि स्कूल बंद होने से जहां बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है, वहीं उन स्कूलों से जुड़े मिड-डे-मील योजना के रसोईया, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सफाईकर्मी आदि बड़ी संख्या में बेरोजगार हो रहे हैं। इससे इन लोगों के परिवारों का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह निर्णय न सिर्फ संविधान में दिए गए “शिक्षा के अधिकार” का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक असमानता को भी बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा कि विद्यालयों की बंदी से गरीब तबके के बच्चों के लिए शिक्षा पाना और अधिक कठिन हो जाएगा, क्योंकि निजी विद्यालयों में दाखिला लेना उनके लिए संभव नहीं है। यह निर्णय प्रदेश के विकास के लिए पीछे ले जाने वाला कदम है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने, बंद किए गए विद्यालयों को पुनः चालू करने और प्रभावित कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने प्रशासन से अपेक्षा जताई है कि वह इस गंभीर मुद्दे पर उच्च स्तर पर हस्तक्षेप कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कराए।

अंत में कांग्रेसजनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस जनविरोधी निर्णय को नहीं बदलती, तो वे चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक गरीब बच्चों को उनका शिक्षा का अधिकार और कर्मचारियों को रोजगार वापस नहीं मिल जाता।

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