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Chandauli Floods: पानी-पानी हुआ गांव, राहत की आस में टकटकी लगाए ग्रामीण

चंदौली जिले में गंगा के बढ़ते जलस्तर से नगवा और नरौली गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। विधायक और प्रशासन ने मिलकर राहत कार्यों की व्यवस्था की है। किसानों की फसल डूबने पर मुआवजे का आश्वासन भी दिया गया है।
Post Published By: सौम्या सिंह
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Chandauli Floods: पानी-पानी हुआ गांव, राहत की आस में टकटकी लगाए ग्रामीण

Chandauli: जिले में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। सोमवार को सकलडीहा तहसील के नगवा और नरौली गांवों में गंगा का पानी घुसने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही यह जानकारी प्रशासन को मिली, तत्काल सैयदराजा विधायक सुशील सिंह अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

सैयदराजा विधायक का बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा

विधायक सुशील सिंह ने सकलडीहा एसडीएम कुंदन राज कपूर के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और ग्रामीणों से बात कर हालात की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित गांवों में बाढ़ चौकी स्थापित करने, भोजन की तत्काल व्यवस्था करने और सुरक्षित स्थानों पर लोगों को पहुंचाने के निर्देश दिए।

ग्रामीणों से मिलने पहुंचे विधायक सुशील सिंह

विधायक ने कहा कि किसी भी हाल में ग्रामीणों को संकट में नहीं छोड़ा जाएगा और हरसंभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने एसडीएम को स्पष्ट निर्देश दिया कि पीड़ितों को त्वरित राहत पहुंचाई जाए और बाढ़ चौकियों पर समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

कई जगहों पर फसलें हुई जलमग्न

ग्रामीणों ने बताया कि कई जगहों पर फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इस पर विधायक ने भरोसा दिलाया कि नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

विधायक सुशील सिंह ने मौके पर मौजूद मीडिया से बात करते हुए कहा, यह समय राजनीति का नहीं, सेवा का है। मैं और मेरी टीम हर संभव प्रयास कर रही है कि किसी भी ग्रामीण को परेशानी न हो। हम प्रशासन के साथ मिलकर पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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प्रशासनिक अमले ने भी बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी की है। नावों की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा किट, पशुओं के लिए चारा और महिलाओं-बच्चों के लिए विशेष ध्यान देने की योजना तैयार की जा रही है।

फिलहाल गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के नजदीक पहुंच चुका है और यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा तो और भी गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की तत्परता ही इस संकट में राहत पहुंचा सकती है।

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