भोजपुरिया परिवार ने जगाई भोजपुरी चेतना, गोरखपुर में हुआ खास आयोजन

गोरखपुर में गोरखपुरिया भोजपुरिया परिवार ने “कउड़ा पर जुटान” कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें मातृभाषा और लोकसंस्कृति को जीवित रखने पर जोर दिया गया। भोजपुरी चेतना को सशक्त बनाने की बात कही।

Post Published By: Nitin Parashar
Updated : 29 December 2025, 2:36 AM IST

Gorakhpur: मातृभाषा के सम्मान और लोकसंस्कृति के संरक्षण को लेकर गोरखपुरिया भोजपुरिया परिवार द्वारा स्थानीय नेपाल लॉज में आयोजित “कउड़ा पर जुटान” कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, विधि और रंगकर्म सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को भोजपुरी चेतना का सशक्त मंच बना दिया।

मातृभाषा का महत्व

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय की संरक्षिका और परिवार की सदस्य रीना त्रिपाठी ने मातृभाषा के महत्व को मार्मिक शब्दों में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा का सम्मान करना अपनी मां के चरण छूने जैसा है। भोजपुरी हमारी छूटी हुई भाषा है। जब हम इसे बोलना छोड़ देते हैं तो यह धीरे-धीरे मरने लगती है। ‘कउड़ा पर जुटान’ जैसे आयोजन मां की भाषा को जीवित रखने का संकल्प हैं। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि वे केवल दर्शक न रहें बल्कि सक्रिय सहभागी बनें।

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पहचान है भोजपुरी

गोरखपुरिया भोजपुरिया के संरक्षक डॉ. संजयन त्रिपाठी ने कहा कि भोजपुरी हमारी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने जब तक हम अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेंगे, तब तक सांस्कृतिक आत्मविश्वास विकसित नहीं हो सकता। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए. के. पाण्डेय ने भी कहा कि भाषा संरक्षण की शुरुआत घर से होती है। उन्होंने चिंता जताई कि लोग अपनी ही भाषा बोलने में संकोच करते हैं, जिसे बदलना होगा।

सामाजिक जुड़ाव

वरिष्ठ रंगकर्मी और उद्घोषक सर्वेश दूबे ने भोजपुरी की सांस्कृतिक शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि यह भाषा लोगों को जोड़ती है। भावनाओं को संजोती है और समाज को एक सूत्र में पिरोती है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे, जो इस भाषा की जीवंतता का प्रमाण है।

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भविष्य की दिशा और संकल्प

परिचय सत्र के बाद संस्थापक विकास श्रीवास्तव ने संगठन की प्रगति रिपोर्ट पेश की और भाषा-विज्ञान, शोध और प्रलेखन की आवश्यकता पर बल दिया। सह-संस्थापक नरेंद्र मिश्र ने भावी कार्ययोजनाओं की जानकारी दी। जिसमें प्रशिक्षण, गोष्ठी और जन-जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन इस सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि भोजपुरी को केवल मंचों तक सीमित न रखा जाए बल्कि इसे दैनिक जीवन, परिवार और समाज में अपनाया जाए। जिससे आने वाली पीढ़ियां अपनी मातृभाषा और संस्कृति पर गर्व कर सकें।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 29 December 2025, 2:36 AM IST