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Bareilly Violence: बरेली हिंसा पर दरगाह आला हजरत का फूटा गुस्सा, किया ये बड़ा खुलासा

बरेली हिंसा के बाद दरगाह आला हजरत खानदान ने पुलिस पर बेगुनाह मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। बयान में कहा गया कि झूठे केस, अवैध गिरफ्तारियां और बुलडोजर कार्रवाई से धार्मिक अधिकारों का हनन हो रहा है। दरगाह ने फौरन रिहाई और मुकदमे वापस लेने की मांग की है।
Post Published By: Poonam Rajput
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Bareilly Violence: बरेली हिंसा पर दरगाह आला हजरत का फूटा गुस्सा, किया ये बड़ा खुलासा

Bareilly: तौकीर रजा के आह्वान पर हुए बरेली बवाल के बाद अब दरगाह आला हजरत के खानदान की ओर से इस मामले में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बड़ा बयान सामने आया है। मंगलवार की रात दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौसीफ मियां ने परिवार का संयुक्त बयान पढ़कर सुनाया। बयान में आरोप लगाया गया कि बरेली के मुसलमानों को केवल धर्म के आधार पर सामूहिक सजा दी जा रही है।

पुलिस पर गंभीर आरोप

बयान में पुलिस पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने तमंचे, पेट्रोल बम और तेजाब की बोतलों से हमले की झूठी कहानी गढ़ी है। इंदिरा मार्केट के पास हुए पथराव का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, ताकि मुसलमानों को बदनाम किया जा सके। बयान में यह भी कहा गया कि पुलिस ऐसे वीडियो और साक्ष्यों की अनदेखी कर रही है, जो इस कहानी को झूठा साबित करते हैं।

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थानों में परेड और अमानवीय व्यवहार का आरोप

आला हजरत खानदान ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बेगुनाह लोगों की थानों में परेड कराई जा रही है, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और चलने-फिरने की हालत में भी नहीं हैं। उन्हें खाना-पानी तक नहीं दिया जा रहा, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

बुलडोजर कार्रवाई को बताया एकतरफा

संयुक्त बयान में बुलडोजर कार्रवाई को भी कठघरे में खड़ा किया गया है। कहा गया कि बिना किसी ठोस सबूत के मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। दबिश के दौरान महिलाओं और बच्चों के साथ दुव्यवहार किए जाने का भी आरोप लगाया गया।

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मस्जिदों में दबिश और नमाज में दखल का दावा

बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि पुलिस ने मस्जिदों में दबिश दी और इमामों व मुअज्जिनों को परेशान किया गया। इससे कई स्थानों पर नमाज बाधित हुई है, जो न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि संविधान का भी अपमान है।

फौरन रिहाई की मांग, चेतावनी भी दी

आला हजरत खानदान की ओर से सरकार से बेगुनाह मुसलमानों की फौरन रिहाई, मुकदमों की वापसी और बुलडोजर कार्रवाई रोकने की मांग की गई है। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर जल्द स्थिति नहीं सुधरी, तो ठोस फैसला लिया जाएगा।

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संयुक्त बयान में शामिल प्रमुख नाम

इस बयान में दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां, काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां, मन्नान मियां, अंजुम मियां, सिराज मियां, अदनान मियां, अब्दुल्ला मियां, हन्नान रज़ा खान, और इकान रज़ा खान के नाम शामिल हैं।

 

 

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