Bahraich Animal Attack: गांव में जंगली जानवर के हमले से मासूम की मौत, डीएम ने दिए निगरानी बढ़ाने के निर्देश

अज्ञात जंगली जानवर के हमले में दो वर्षीय मासूम आयुष पुत्र प्रमोद पाल की मौत हो गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 4 June 2025, 5:18 PM IST
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बहराइच: जनपद बहराइच की महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम गदामार कला में मंगलवार को एक हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया था। अज्ञात जंगली जानवर के हमले में दो वर्षीय मासूम आयुष पुत्र प्रमोद पाल की मौत हो गई। यह घटना क्षेत्र में वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों और सुरक्षा इंतजामों की कमी को उजागर करती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रभागीय वनाधिकारी, बहराइच को निर्देशित किया है कि महसी तहसील के संवेदनशील एवं अति संवेदनशील ग्रामों में विशेष सतर्कता बरती जाए। डीएम ने कहा कि रात्रि 11 बजे से सुबह 4 बजे तक ड्रोन, फ्लैशलाइट्स एवं टीमों के जरिए निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि इस प्रकार की घटनाएं दुबारा न हो।

पुलिस कर्मियों की तैनाती

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वन विभाग को पुलिस, राजस्व, पंचायत और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर संयुक्त रात्रि गश्त करनी होगी। प्रत्येक संवेदनशील ग्राम में लेखपाल, सचिव, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक, वन रक्षक और पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। जिससे सुरक्षा व्यवस्था में कोई लापरवाही न हो।

संवेदनशील गांवों में विशेष ध्यान

इसके साथ ही डीएम मोनिका रानी ने उप जिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी, महसी को निर्देशित किया है कि वे पूर्व में चिह्नित संवेदनशील गांवों में विशेष ध्यान दें और निगरानी में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। जिससे कोई अप्रिय घटना ना हो और लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करें।

जिलाधिकारी ने दिया निर्देश

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना घटती है तो संबंधित अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचकर मीडिया के लिए बयान (बाइट) और तथ्यात्मक जानकारी जिला सूचना अधिकारी को मुहैया कराएं, ताकि अफवाहों और भ्रामक समाचारों से बचा जा सके।

ग्रामीणों को राहत की उम्मीद

गौरतलब है कि बहराइच जिले के कई गांव दुधवा वन्यजीव क्षेत्र से सटे हैं, जिससे अक्सर जंगली जानवरों की आमद गांवों तक हो जाती है। ऐसी घटनाएं यहां पहले भी हो चुकी हैं। अब प्रशासन की ओर से बढ़ाई गई सतर्कता से ग्रामीणों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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