अतिक्रमण हटाओ अभियान बना विवाद की वजह, बलरामपुर में सभासदों की बगावत, नगर पालिका कार्यालय पर जड़ा ताला

सभासद नंदलाल तिवारी ने सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर और किस रोस्टर के तहत अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को न तो जानकारी दी जा रही है और न ही विश्वास में लिया जा रहा है। इसे उन्होंने ईओ की मनमानी करार दिया।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 24 December 2025, 5:53 AM IST

Balrampur: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान ने मंगलवार को उस समय तूल पकड़ लिया, जब शहर के निर्वाचित सभासदों ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) की कार्यशैली के खिलाफ खुली बगावत कर दी। आक्रोशित सभासदों ने नगर पालिका कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया, जिससे पूरा दफ्तर ठप हो गया।

घंटों दफ्तर में फंसे रहे अधिकारी-कर्मचारी

सभासदों के इस अचानक विरोध प्रदर्शन के चलते कार्यालय के अंदर मौजूद अधिकारी और कर्मचारी घंटों तक बाहर नहीं निकल सके। नगर पालिका परिसर में अफरा-तफरी और तनाव का माहौल बना रहा। कार्यालय बंद होने से आम नागरिकों के काम भी प्रभावित हुए।

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अतिक्रमण अभियान पर ‘तानाशाही’ का आरोप

सभासद राघवेंद्र सिंह, नंदलाल तिवारी और आनंद किशोर गुप्ता के नेतृत्व में किए गए इस विरोध प्रदर्शन में ईओ पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया गया। सभासदों का कहना है कि शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर भय का माहौल बनाया जा रहा है और नियमों की अनदेखी की जा रही है।

बिना नोटिस कार्रवाई से जनता में नाराजगी

सभासद राघवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना, नोटिस या मुनादी के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के घरों की सीढ़ियां और छज्जे तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से जनता में भारी आक्रोश है और नगर पालिका लोगों की समस्याओं को अनदेखा कर रही है।

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जनप्रतिनिधियों को विश्वास में न लेने का आरोप

सभासद नंदलाल तिवारी ने सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर और किस रोस्टर के तहत अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को न तो जानकारी दी जा रही है और न ही विश्वास में लिया जा रहा है। इसे उन्होंने ईओ की मनमानी करार दिया।

जनप्रतिनिधि के अपमान का आरोप

विवाद उस समय और गहरा गया, जब सभासद आनंद किशोर गुप्ता ने आरोप लगाया कि ईओ ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया और पुलिस बुलाकर जनता के सामने उन्हें हटवा दिया। उन्होंने इसे एक जनप्रतिनिधि का सार्वजनिक अपमान बताया और कहा कि यही घटना उनके विरोध का मुख्य कारण बनी।

कानूनी कार्रवाई बनाम जनप्रतिनिधियों का विरोध

एक ओर नगर पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को पूरी तरह कानूनी और जरूरी बता रहा है, वहीं दूसरी ओर सभासदों का सामूहिक विरोध प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। कार्यालय पर ताला जड़े जाने की घटना ने जिला प्रशासन को भी असहज स्थिति में डाल दिया है।

विकास बनाम वर्चस्व की जंग?

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह अभियान वास्तव में शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने की पहल है, या फिर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच वर्चस्व की यह टकरावपूर्ण लड़ाई बलरामपुर के विकास को और पीछे धकेल देगी। फिलहाल नगर पालिका परिसर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और सभासद अपने विरोध पर अडिग नजर आ रहे हैं।

Location : 
  • Balrampur

Published : 
  • 24 December 2025, 5:53 AM IST