Barabanki: विकास के बड़े-बड़े दावे करनी वाली यूपी सरकार के विकास के दावों की पोल खोलनी वाली तस्वीर बाराबंकी से सामने आई है, जहां विद्यालय इतनी जर्जर हालत में पहुंच चुका है, कि छात्रों को भी अंदर बैठने से डर लग रहा है, कहीं राजस्थान के झालावाड़ की तहर उनके ऊपर भी स्कूल की छत ना गिर जाए।
बाराबंकी जनपद के मवइया क्षेत्र के पहला गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालत अत्यंत दयनीय है। वर्ष 1933 में स्थापित यह विद्यालय अब भवन विहीन हो चुका है। विद्यालय भवन जर्जर होने के कारण वर्ष 2023 में नीलामी प्रक्रिया के तहत उसे ढहा दिया गया, लेकिन इसके बाद से अब तक नया भवन नहीं बन पाया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विद्यालय में लगभग 56 बच्चों का पंजीकरण है, जिनमें से करीब 40 बच्चे नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं। भवन के अभाव में इन बच्चों को खुले आसमान के नीचे, पेड़ की छांव में पढ़ाई करनी पड़ रही है। विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य वंदना वर्मा, सहायक अध्यापक सौरभ वर्मा और शिक्षा मित्र मंजू तिवारी सीमित संसाधनों में शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
गांव के निवासी राहुल ने बताया कि विद्यालय का पुनर्निर्माण 1993 में हुआ था, लेकिन समय के साथ वह भी जर्जर हो गया। कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र भेजे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। खण्ड शिक्षा अधिकारी बनीकोडर संजय कुमार राय ने जानकारी दी कि विद्यालय भवन के निर्माण के लिए डिमांड भेजी गई है और निर्माण कार्य स्वीकृत राशि मिलते ही प्रारंभ कर दिया जाएगा।