पीलीभीत में दर्दनाक हादसा: गैस गीजर से दम घुटने से पति-पत्नी की मौत, प्रेम विवाह हुआ था

पीलीभीत में किराए के मकान में रह रहे सरकारी कर्मचारी और उनकी पत्नी की गैस गीजर से दम घुटने के कारण मौत हो गई। बाथरूम में नहाते समय ऑक्सीजन की कमी से यह हादसा हुआ। घटना के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है और विशेषज्ञों ने गीजर के सुरक्षित उपयोग की सलाह दी है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 22 December 2025, 6:18 AM IST

Pilibhit: पीलीभीत में रविवार को एक हृदयविदारक हादसे में सरकारी कर्मचारी और उसकी पत्नी की गैस गीजर से दम घुटने के कारण मौत हो गई। दोनों किराए के मकान में रहते थे। देर शाम तक जब घर के अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो पड़ोसियों को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

बाथरूम का दरवाजा तोड़कर निकाले गए शव

सूचना मिलते ही शहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे पुलिस ने तोड़कर खोला। अंदर पति-पत्नी बेसुध हालत में पड़े मिले। दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। यह घटना शहर कोतवाली क्षेत्र की गुरुकुल पुरम कॉलोनी की है।

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मृतक की पहचान हरजिंदर (42) के रूप में हुई है, जो विकास भवन स्थित जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। उनकी पत्नी रेनू सक्सेना (40) थीं। दोनों गुरुकुल धाम कॉलोनी में किराए के मकान में रहते थे और उनकी कोई संतान नहीं थी।

पत्नी के हाथ में था फ्रैक्चर

पुलिस के अनुसार, रेनू का कुछ समय पहले हाथ टूट गया था। 30 नवंबर को उनके हाथ से प्लास्टर हटाया गया था, लेकिन दर्द बना हुआ था। इस कारण हरजिंदर लगातार उनकी देखभाल कर रहे थे और घरेलू कामों में भी मदद कर रहे थे।

नहाते समय हुआ हादसा

रविवार शाम हरजिंदर अपनी पत्नी को बाथरूम में नहला रहे थे। इस दौरान गैस गीजर चालू था। आशंका जताई जा रही है कि गीजर से निकलने वाली गैस के कारण बाथरूम के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो गई, जिससे दोनों का दम घुट गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

कॉलोनी में पसरा मातम

घटना की खबर फैलते ही कॉलोनी में शोक की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। पड़ोसियों ने बताया कि हरजिंदर और रेनू ने प्रेम विवाह किया था और दोनों शांत स्वभाव के थे। इस तरह की अचानक घटना से लोग स्तब्ध रह गए।

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डॉक्टर ने बताया गैस गीजर का खतरा

लखनऊ के डॉक्टर शांतनु ने बताया कि गैस गीजर के बर्नर से आग पैदा होती है, जिससे ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। इसके चलते बाथरूम जैसे बंद स्थान में कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जमा हो जाती है। कार्बन मोनोऑक्साइड रंगहीन, गंधहीन और अत्यंत जहरीली होती है।

बेहोशी की हालत में नहीं बच पाता व्यक्ति

डॉक्टर के अनुसार, जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती तो व्यक्ति धीरे-धीरे बेहोशी में चला जाता है। दिमाग कोमा जैसी स्थिति में पहुंच जाता है और व्यक्ति खुद को बचाने या बाहर निकलने की स्थिति में नहीं रहता, जिससे दम घुटने से मौत हो सकती है।

सर्दियों में बढ़ता खतरा

सर्दियों के मौसम में गीजर का उपयोग बढ़ जाता है। कई घरों में पुराने गीजर लगे हैं, जिनमें ऑटो कट-ऑफ जैसी सुरक्षा सुविधा नहीं होती। यदि गीजर लंबे समय तक चालू रहे तो हादसे की आशंका बढ़ जाती है।

Location : 
  • Pilibhit

Published : 
  • 22 December 2025, 6:18 AM IST