

जिले में वर्ष 2015 में एक हत्याकांड को अंजाम दिया गया, इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों की मौत चुकी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बागपत कोर्ट
बागपत: जिले के लुहारा गांव में वर्ष 2015 में घटित हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय नीरु शर्मा की अदालत ने आगामी 30 जून को सजा का ऐलान करने का फैसला किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी अमरपाल सहित कुल चार व्यक्तियों को दोषी पाया गया है, जिन्होंने इस क्रूर घटना को अंजाम दिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, बीते 17 जुलाई 2015 को बदरखा गांव के यमुना घाट पर दो युवकों के शव बरामद हुए थे। मृतकों की पहचान लुहारा गांव निवासी पप्पू और विकास के रूप में हुई थी। पीड़ित के भाई तिरसपाल ने छपरौली थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
मामले की जांच में यह सामने आया
जांच के दौरान अभियोजन ने अमरपाल, धर्मदत्त, वीरसैन, नरेश, सुरेश, अरविंद, मुशर्रफ, संजीव और नीटू के खिलाफ अभियोग पत्र दाखिल किया। सुनवाई के समय नरेश, सुरेश और अरविंद की मौत हो चुकी थी। इसके अलावा एक आरोपी की मेरठ पुलिस के साथ मुठभेड़ में मृत्यु हो गई थी।
हत्या का कारण
आरोप है कि पुरानी रंजिश के चलते 15 जुलाई को अमरपाल और उसके साथियों ने दोनों भाइयों को अपने साथ ले जाकर गोली मार दी और उनके गर्दन काट दिए। हत्या के बाद दोनों शवों के सिर यमुना नदी में फेंक दिए गए। इस जघन्य घटना ने पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया था।
अदालत का फैसला
न्यायालय ने इस मामले में अमरपाल उर्फ कालू, धर्मदत्त उर्फ शास्त्री, वीरसैन और मुशर्रफ को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ सजा सुनाने का आदेश दिया है। तीन अन्य आरोपी पहले ही मौत के घाट उतर चुके हैं।
आगे क्या होगा?
30 जून को अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी। जिसमें उनके खिलाफ लगी धाराओं के अनुसार फांसी, आजीवन कारावास या अन्य उपयुक्त सजा का प्रावधान हो सकता है। यह मामला न्यायालय के समक्ष लंबी सुनवाई और अभियोजन-प्रतिपक्ष के तर्क-वितर्क के बाद अंतिम निर्णय पर पहुंचा है, जो समाज में न्याय और अपराध के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।