किसकी है यमुना पार की जमीन? यूपी और हरियाणा के लोगों में चली थी गोली, अब बाढ़ में कौन करेगा किसानों की मदद

बाढ़ से चांदपुर गांव के 4600 बीघा यमुना पार खेत डूब गए, लेकिन मुआवजे को लेकर किसान असमंजस में हैं। जमीन उत्तर प्रदेश की है, किसान हरियाणा के हैं। अब दोनों सरकारों से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 6 September 2025, 3:34 PM IST
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Noida/Haryana: यमुना नदी की बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है, लेकिन सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं हरियाणा के चांदपुर गांव के वे किसान, जिनकी करीब 4600 बीघा जमीन यमुना पार स्थित है। इस जमीन पर उनकी खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है, लेकिन अब उन्हें मुआवजा मिलने की भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही।

जमीन यूपी की और कब्जा हरियाणा वालों का

समस्या की जड़ में है ज़मीन का प्रशासनिक विवाद। चांदपुर गांव के किसान जिस ज़मीन पर खेती कर रहे हैं, वह राजस्व रिकॉर्ड के हिसाब से उत्तर प्रदेश (नोएडा) के अंतर्गत आती है, जबकि खेती किसान हरियाणा से आकर करते हैं। यानी ज़मीन एक राज्य की, लेकिन खेती करने वाले दूसरे राज्य के किसान।

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दीक्षित अवार्ड से हुआ विवाद

गांव के सरपंच सूरजपाल भूरा बताते हैं कि वर्ष 1980-81 में हुए दीक्षित अवार्ड के तहत गांव की यह ज़मीन उत्तर प्रदेश में शामिल कर दी गई थी। लेकिन जमीन पर कब्जा आज भी चांदपुर के किसानों का है, जो पीढ़ियों से वहीं खेती कर रहे हैं। अब बाढ़ ने फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी है। हरियाणा सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा तो कर दी है, लेकिन वो मुआवजा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनकी जमीन हरियाणा राज्य में है।

जिला उपायुक्त विक्रम सिंह से मदद की आस

इस वजह से चांदपुर के किसान ना उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़े हैं, ना हरियाणा सरकार की मुआवजा योजना में शामिल हो पा रहे हैं। अब किसान जिला उपायुक्त विक्रम सिंह से आग्रह करेंगे कि उनकी परेशानी को समझते हुए कोई रास्ता निकाला जाए।

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नोएडा और हरियाणा वालों में गोली तक चली

इस पूरे विवाद में सीमा विवाद भी बड़ा मुद्दा है। चांदपुर गांव की ज़मीन और नोएडा की सीमा में लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है। फसल कटाई के वक्त अक्सर तनाव बढ़ जाता है और कई बार तो हालात ऐसे बन जाते हैं कि गोली चलने तक की नौबत आ जाती है। जमीन का रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश के पास है, लेकिन खेती-बाड़ी और देखरेख चांदपुर के किसान करते हैं। यह संविधानिक और प्रशासनिक पेचीदगियों का जटिल मामला बन गया है, जिससे सबसे अधिक किसान पीड़ित हो रहे हैं।

कौन देगा मुआवजा?

किसानों की मांग है कि अगर जमीन उत्तर प्रदेश में है तो वहां की सरकार उन्हें मुआवजा दे। यदि हरियाणा सरकार किसानों को मुआवजा देने से मना कर रही है, तो राजस्व रिकॉर्ड को आधार बनाकर यूपी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। इस बीच जिला प्रशासन ने कहा है कि किसानों की शिकायत दर्ज की जा रही है और जल्द ही उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।

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