Coronavirus: श्रीरामचरितमानस में लिखा है कोरोना से बचाव का उपाय, जानिये कैसे!
“लौटकर बुद्धू घर को आए”, कहावत आज की परिस्थिति में प्रासंगिक है। बचपन में पिताजी अक्सर कहते थे, पुस्तकों में संग्रहित ज्ञानवर्धक सामग्री को रटकर परीक्षा में पास हो जाना शिक्षा नहीं। शिक्षित होने के लिए सनातन धर्म, वैदिक संस्कृति और साहित्य (धर्म, राजनीति, इतिहास और विज्ञान) में वर्णित कथाओं और संस्कारों को तार्किक कसौटी पर कसकर गुणना (आचरण में लाना) आवश्यक है। उस समय अभिभावकों की अनुभवजन्य सीख अनावश्यक प्रवचन लगते थे। आज जब ‘जान पर बन आयी’ तब उनकी सीख का एक-एक शब्द ‘ब्रह्म-वाक्य’ जैसा प्रतीत होता है।