हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।